मेडिकल कालेज शीघ्र निर्माण डीन की नियुक्ति कर, इसी सत्र से छात्रों को प्रवेश दिए जाएं - मेडिकल कालेज संघर्ष मोर्चा की ओर से आज 1 बजे कलेक्टर को दिया जाएगा ज्ञापन
छतरपुर। मेडिकल कालेज को लेकर छतरपुर शहर में फिर से आंदोलन शुरू होने की सुगबुगाहट सुनाई दे रही है। दरअसल मेडिकल कालेज निर्माण में हो रही देरी को लेकर लोगों में गुस्सा है। सोमवार को शहर की कल्याण धर्मशाला में मेडिकल कालेज संघर्ष मोर्चा के बैनर तले बैठक की गई है। बैठक में रणनीति बनाई गई है। अब मोर्चा की ओर से शीघ्र कालेज निर्माण एवम तुरंत डीन की नियुक्ति और मेडिकल की कक्षाएं शुरू करने की मांग की गई है। इसको लेकर आज मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर संदीप जीआर को 1 बजे ज्ञापन दिया जाएगा।
15 अप्रैल से छत्रसाल चौराहा पर आंदोलनसोमवार देर शाम हुई मेडिकल कालेज संघर्ष मोर्चा की बैठक में तय किया गया है कि मंगलवार को ज्ञापन के बाद से 15 अप्रैल से आंदोलन शुरू किया जाएगा। सुबह 11 बजे से शाम पांच बजे तक छतरपुर शहर के सबसे अहम छत्रसाल चौराहा पर आंदोलन किया जाएगा। यह आंदोलन 15 अप्रैल से निरंतर चलेगा। इस आंदोलन में मोर्चा के अलावा छतरपुर शहर के साथ जिलेभर के समाजसेवी संगठन, व्यापारी संगठन, छात्र संगठन के साथ-साथ अन्य लोगों का साथ रहेगा। मोर्चा के सदस्य आंदोलन को गति देने के लिए रोजाना संगठनों से मुलाकात कर मेडिकल कॉलेज के लिए समर्थन मांगेंगे।
आंदोलन की ही देन है मेडिकल कालेज
यहां बता दें, छतरपुर शहर में मेडिकल कालेज निर्माण के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वर्ष 2018 में घोषणा की थी। इससे पहले मेडिकल कालेज के लिए व्यापक स्तर पर आंदोलन किया गया था। इसी आंदोलन की आग में भाजपा को छतरपुर विधानसभा से हाथ धोना पड़ा था। ऐसे में अब निर्माण और अन्य मांगों को लेकर अगर आंदोलन जोर पकड़ता है तो इसके दूरगामी परिणाम चुनाव में देखने को मिलेंगे।
ऐसे अटकता रहा मेडिकल कालेज का निर्माण
30 सितंबर 2018 को मेडिकल कालेज के लिए मुख्यमंत्री ने शिलान्यास कर दिया था। चार अक्टूबर 2018 को मेडिकल कालेज के निर्माण के लिए 300 करोड़ रुपये की प्रशासनिक व वित्तीय स्वीकृति देकर 30 अगस्त 2018 को कालेज के लिए ग्राम गौरगांय छतरपुर में भूमि आवंटित कर दी गई थी। तीन जनवरी 2019 को लोक निर्माण विभाग की ओर से निविदा आमंत्रित की गई, जिसमें पांच प्रतिभागियों ने भाग लिया। शासन ने 22 जून 2019 को सभी पांच निविदाएं अस्वीकृत करते हुए निविदा प्रक्रिया ही निरस्त कर दी थी। मेडिकल कालेज के लिए दोबारा से टेंडर हुए तो गुजरात की जेपी इंफ्रा को ठेका मिला था। जेपी ने कम राशि में यह ठेका लिया था। अब रिवाइज के नाम पर काम नहीं करने पत्र लिखा है।
भोपाल से कोई निष्कर्ष लेकर ही लौटूंगी: ललिता यादव
उधर मध्यप्रदेश शासन की पूर्व मंत्री एवं भाजपा की प्रदेश मंत्री श्रीमती ललिता यादव ने भोपाल से दूरभाष पर हुई चर्चा के दौरान बताया कि मेडिकल कालेज के संबंध में उन्होंने जिला कलेक्टर सहित अन्य अधिकारियों से चर्चा की है। इस समय मैं भोपाल में हूं। मैंने मुख्यमंत्री से मिलने का समय मांगा है। मैं मेडिकल कालेज को लेकर भोपाल से कोई न कोई निष्कर्ष लेकर ही आऊंगी। भले ही मुझे दो-चार दिन भोपाल में क्यों न रूकना पड़े।
बैठक में यह रहे शामिल
इस बैठक में डॉ.सुभाष चौबे, हरि अग्रवाल, सुरेश बाबू खरे, श्याम अग्रवाल, अंकुर यादव, राकेश गुप्ता, दिव्यराज सिंह परिहार, पुष्पेनद्र कुमार सोनी, राकेश चौरसिया ठेकेदार, मुकेश सिंह जाटव, घनश्याम गुप्ता, शिवम तिवारी, शशांक गुप्ता, घनश्याम दास चौरसिया, राजीव गंधी, प्रिंस गुप्ता, राज वर्मा, वीर सिंह यादव हमा, देवेन्द्र अग्रवाल, शरद अग्रवाल, वी.वी.साहू, बृजेश सक्सेना, मनीष पिपरसानियां, रमेश तिवारी, उमेश कटारे, संजय राय, अभिषेक, चौरसिया, अनिल गुप्ता, प्रजेश कुमार पांडे, कीरत सिंह चौहान, संजय कुमार शर्मा, विवेक उप्पल, प्रभात अग्रवाल, सौरभ अग्रवाल, अनिल अग्रवाल, शिवम अग्रवाल, रोहित अग्रवाल, मनीष अग्रवाल, संतोष कुमार अग्रवाल, संजय अग्रवाल, जय कुमार जैन सहित अनेक गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।
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