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भगवान से कृपा नहीं दया मांगनी चाहिए : डॉ. अनिल शास्त्री इंजीनियरिंग कॉलेज गठेवरा में शिव परिवार, गुरूदेव और गुरूमाता की प्रतिमाएं आज होंगी विराजित

 छतरपुर। पंडित देवप्रभाकर शास्त्री इंजीनियरिंग कॉलेज में शिव परिवार, गुरूदेव दद्दाजी एवं गुरूमाता छोटी जिज्जी की प्रतिमाओं की स्थापना रविवार को विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों के साथ की जाएगी। असंख्य शिवलिंग निर्माण रूद्राभिषेक एवं प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के दूसरे दिन श्रद्धालुओं ने भक्तिभाव से शिवलिंग बनाए और शिवार्चन किया। इस मौके पर इंजीनियरिंग कॉलेज के विद्यार्थियों ने भक्तिगीतों पर आकर्षक प्रस्तुतियां दीं।

जिला मुख्यालय के नजदीक ग्राम गठेवरा में स्थित पंडित देवप्रभाकर शास्त्री इंजीनियरिंग कॉलेज में चल रहे तीन दिवसीय शिवलिंग निर्माण, रूद्राभिषेक एवं प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के दूसरे दिन दीक्षित परिवार, दद्दा शिष्य मंडल सहित सभी श्रद्धालुओं ने देवपूजन, अन्नाधिवास एवं श्रेयाधिवास कार्यक्रम में सहभागिता की। तत्पश्चात गृहस्थ संत डॉ. अनिल शास्त्री ने श्रद्धालुओं को अपने अमृत वचनों से रामकथा का श्रवण कराया। उन्होंने महाराज तुलसीदास एवं हनुमान जी महाराज के चित्रकूट के प्रसंग सुनाते हुए कहा कि जब भी किसी देव मंदिर में जाओ तो भगवान से कृपा नहीं दया मांगनी चाहिए क्योंकि कृपा मांगोगे तो वह कठोर भी हो सकती है जबकि दया में करूणा होती है। भगवान की कृपा तो हनुमान, सुग्रीव और बाली पर भी थी लेकिन जब समय आया तो श्रीराम की कृपा बाली के लिए दया के रूप में परिवर्तित हो गई। उन्होंने अन्य कई प्रसंग सुनाकर श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया। रामकथा के अंत में कांग्रेस नेता विनोद दीक्षित, श्रीमती सुमित्रा दीक्षित, प्रमोद दीक्षित, अशोक दीक्षित, राकेश दीक्षित, विधायक नीरज दीक्षित, अशोक दीक्षित सहित अन्य श्रद्धालुओं ने गृहस्थ संत साकेतवासी श्री दद्दाजी की आरती उतारी। इस धार्मिक आयोजन का समापन 26 मार्च को प्रतिमाओं की प्राण प्रतिष्ठा एवं पूर्णाहुति के साथ किया जाएगा।
भक्तिगीतों पर थिरके इंजीनियरिंग कॉलेज के बच्चे
तीन दिवसीय धार्मिक आयोजन के दौरान इंजीनियरिंग कॉलेज के विद्यार्थियों ने श्रीराम कथा के पश्चात भक्तिगीतों पर आकर्षक सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं। विद्यार्थियों ने आकर्षक भक्तिगीत के माध्यम से श्रीगणेश की वंदना की तो वहीं मां काली के रौद्र रूप को भी बेहद सराहा गया। इस अवसर पर गृहस्थ संत डॉ. अनिल शास्त्री ने इंजीनियरिंग कॉलेज की सचिव श्रीमती सरोज जैन एवं केसी जैन के बेहद सरल और सहज स्वभाव की सराहना करते हुए कहा कि श्रीमती जैन के सरल स्वभाव ने उन्हें कृतज्ञ कर दिया। उन्होंने संस्थान के स्टाफ और बच्चों की सराहना करते हुए कहा कि यदि स्टाफ और बच्चों से कोई गलती हो जाए तो उन्हें माफ जरूर करना।





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