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सनातन में गहरा विज्ञान छिपा है जो समझते हैं वो पा जाते हैं: आचार्य बालकृष्ण बागेश्वर धाम पर श्रद्धा का सैलाब, देश के प्रख्यात संतों ने दिए उपदेश

 छतरपुर। सनातन संस्कृति बहुत व्यापक और गूढ़ ज्ञान से भरी संस्कृति है। इस संस्कृति में जीवन शैली, स्वास्थ्य, कला, साधना सभी कुछ विद्वमान है। भारत में 84 करोड़ ऋषियों ने विभिन्न प्रयोगों के साथ अपने प्राणों की आहूति देकर सनातन की परंपरा को सुदृढ़ बनाया है। जो लोग कल तक हमारी संस्कृति पर शंका करते थे वे आज नतमस्तक हैं। यह संस्कृति पुरूषार्थ और प्रार्थना दोनों को साथ लेकर चलती है। इस संस्कृति का अपना गहरा विज्ञान है जो इस विज्ञान को समझ जाता है वह जीवन में कष्टों के निवारण को प्राप्त कर लेता है। उक्त उद्गार बुधवार को बागेश्वर धाम पर चल रहे श्री अन्नपूर्णा नव कुण्डीय महायज्ञ के अंतर्गत देश के जाने-माने आयुर्वेदाचार्य और पतंजलि पीठ हरिद्वार से आए आचार्य बालकृष्ण ने व्यक्त किए।

उन्होंने कहा कि जिस तरह आज हनुमान जी की कृपा से बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पं. धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री संपूर्ण देश में हिन्दू सनातन संस्कृति की पताका लहरा रहे हैं तो इससे जलकर कई विधर्मी सवाल उठा रहे हैं। इसी तरह के सवालों का सामना आज से कुछ वर्षों पूर्व पतंजलि योग पीठ ने भी किया था लेकिन जब आवश्यक निश्चय दृढ़ होता है तो आपको कोई नहीं रोक सकता। मैं मानता हूं कि बागेश्वर धाम सरकार ने आज देश भर की युवा शक्ति को एकत्रित कर सनातन संस्कृति को मजबूत करने में अभूतपूर्व योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि सुबह से उठकर योग करें, गले में तुलसी की माला धारण करें, भगवान हनुमान को अपना आइडल बनाएं, वैदिक संस्कृति को अपनाएं। आपके सभी कार्य सफल होंगे।
भगवान अपनी पूजा कराने अवतार नहीं लेते: स्वामी ज्ञानानंद
बुधवार को वृंदावन से आए देश के प्रख्यात स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने भी बागेश्वर धाम के सांस्कृतिक मंच पर अपने दिव्य प्रवचन देते हुए जनमानस को राम और कृष्ण के नाम से जोड़ा। उन्होंने कहा कि भारत में जो सनातनी अवतार परंपरा है उसको वैज्ञानिक दृष्टिकोण से समझने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि लोगों को ऐसा भ्रम है कि भगवान भूलोक पर अपनी पूजा कराने के लिए आते हैं जबकि सच ये है कि वे अपने जीवन से आपको संदेश देने के लिए आते हैं। अवतार की यह परंपरा भारत को प्रभु के प्रति दृढ़ आस्थावान और आत्मविश्वासी बनाती है।
लंदन से लुधियाना तक के भक्त पहुंचे बागेश्वर धाम
बागेश्वर धाम पर चल रहे इस अन्नपूर्णा महायज्ञ में शामिल होने के लिए सिर्फ भारत ही नहीं विदेशों से भी बागेश्वर धाम के भक्त यहां पहुंचे हैं। भारत के तमाम राज्यों से आए इन भक्तों की संख्या लाखों में पहुंच गई है। कोई झारखण्ड से आया है तो कोई बिहार से, कोई लुधियाना से आया है तो कई लंदन से यहां पहुंचा है। गौरतलब है कि पिछले वर्ष बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पं. धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री अपना दरबार लगाने के लिए लंदन गए थे अब लंदन से 30 लोगों का एक शिष्य मंडल बागेश्वर धाम पर आया है। लंदन से आईं किरण पटेल ने बताया कि बागेश्वर धाम आकर उन्हें एक अनूठी शांति और आनंद की प्राप्ति हो रही है। इसी तरह छत्तीसगढ़ से आयीं हेमा सोनी ने बताया कि वे ऊपरी बाधा से जूझ रही थीं यहां आकर उनकी अर्जी लगी और उन्हें अब काफी आराम है। 



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