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वैध शराब का विक्रय एवं परिवहन करने के मामले में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, छतरपुर की न्यायालय ने मामले के दो आरोपियों को दो-दो साल कठोर कैद की सजा सुनाई है।

 अभियोजन कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार थाना सिविल लाइन निरीक्षक अरविन्द कुजुर दिनांक 08/09/2016 को मुखविर से प्राप्त सूचना की तस्दीक हेतु हमराही स्टाफ के साथ संकट मोचन तिराहे के आंगे संकट मोचन पहाड़िया में चेकिंग लगाई थी, तभी एक सफेद रंग की इंडिगो कार क्रमांक एमपी 07 सीसी 3109 आती दिखी जिसमें 2 व्यक्ति बैठे दिखे । उक्त वाहन को हमराह स्टाफ के साथ रोकने का प्रयास किया, किन्तु उक्त वाहन नहीं रूका। वाहन का पीछा करने पर वाहन के चालक द्वारा वाहन को नई ईद गाह के रोड पर डाल दिया तथा उसमें बैठा व्यक्ति  गाडी से कूदकर भाग गया। वाहन को हमराह बल व गवाहों की सहायता से रोका, वाहन चला रहे व्यक्ति ने अपना नाम नीलू उर्फ दिलीप नामदेव बताया व गाडी से कूदकर भागे व्यक्ति का नाम वसीम खान बताया। वाहन को चौक करने पर वाहन के पीछे की डिग्गी में 6 पेटी देशी शराब कुल 300 क्वार्टर मदिरा मिली। आरोपीगण द्वारा अवैध शराब का परिवहन किया जाना पाये जाने से थाना सिविल लाइन के द्वारा आरोपीगण के विरूद्ध आबकारी अधिनियम के अंतर्गत अपराध पंजीबद्ध कर संपूर्ण विवेचना उपरांत आरोपीगण के विरुद्ध अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया गया।

अभियोजन की ओर से एडीपीओ शिवाकांत त्रिपाठी ने पैरवी करते हुए मामले के सभी सबूत और गवाह कोर्ट में पेश किए। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट डॉ. रविकांत सोलंकी की अदालत ने दोनों आरोपीगण नीलू उर्फ दिलीप नामदेव और मोहम्मद वसीम  को आबकारी अधिनियम की धारा 34(2) में दो-दो वर्ष के सश्रम कारावास एवं पच्चीस-पच्चीस हजार रुपए के जुर्माना की सजा सुनाई ।


जेल प्रहरी के साथ मारपीट करने के मामले में न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, श्री दीपक चौधरी छतरपुर की न्यायालय ने मामले के तीन आरोपियों को एक वर्ष छः माह की कठोर कैद की सजा सुनाई है।
छतरपुर, 02 फरवरी 2023
अभियोजन कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार दिनांक 14.02.2020 को फरियादी करूणेन्द्र सिंह परिहार ने थाना में एक लिखित आवेदन प्रस्तुत किया कि दिनांक 14.02.2020 को प्रातः 6 बजे जेल खुलते समय वार्ड क्रमांक 03 के सामने विचाराधीन बंदीगण कल्लू उर्फ रोहित, मनुराजा उर्फ अनुराग तथा राघवेन्द्र सिंह द्वारा फरियादी के साथ गाली गलौच कर एवं जान से मारने की धमकी देकर उनके साथ डंडों व लात.घूसों से मारपीट की गई जिससे उन्हें शरीर पर काफी जगह चोटें आई। ड्यूटी पर तैनात प्रहरी गौरव वर्मा, मुख्य प्रहरी संजय सोनकिया तथा उमाकांत मिश्रा ने घटना देखी व सुनी। उक्त आवेदन के आधार पर अपराध कायम कर प्रकरण विवेचना में लिया गया और संपूर्ण विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया है।
अभियोजन की ओर से एडीपीओ आशीष रावत ने पैरवी करते हुए मामले के सभी सबूत और गवाह कोर्ट में पेश किए।  न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी दीपक चौधरी की अदालत ने तीनो आरोपीगण कल्लू उर्फ रोहित, मनुराजा उर्फ अनुराग तथा राघवेन्द्र सिंह को भादवि की धारा 332/34 में एक वर्ष छः माह के सश्रम कारावास एवं प्रत्येक को एक हजार रुपए के जुर्माना की सजा सुनाई

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