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भारत की जी-20 देशों की प्रथम संस्कृति कार्यसमूह कार्यदल की बैठक खजुराहो में संपन्न दुनिया भर में संस्कृति के संरक्षण को फिर से मजबूत करने की आवश्यकता पर विचार विमर्श हुआ कार्य समूह ने वैश्विक रचनात्मक, सांस्कृतिक अर्थव्यवस्था को आकार देने पर की चर्चा

 महाराजा छत्रसाल कन्वेंशन सेंटर खजुराहो में शुक्रवार को प्रथम संस्कृति कार्यसमूह कार्यदल की प्रथम बैठक संपन्न हुई। संस्कृति सचिव गोविन्द मोहन ने कहा कि भारत की जी-20 अध्यक्षता में संस्कृति कार्यदल की पहली समाप्त बैठक में भारत द्वारा रखे गये चार विषय वस्तु के क्रम में सांस्कृतिक संपत्ति का संरक्षण और पुनस्थापन, सतत भविष्य की जीवित विरासत का दोहन, सांस्कृतिक और रचनात्मक उद्योगों और रचनात्मक अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना तथा संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकी का लाभ उठाना विषयों पर विचार विमर्श पर मंथन किया गया। संस्कृति मंत्रालय की संयुक्त सचिव श्रीमती लिली पांडेय ने चार प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के बारे में विस्तार से बताया।

संस्कृति सचिव गोविन्द मोहन ने कहा कि दो दिवसीय मंथन में जी-20 के सदस्य देशों सहित अतिथि देशों और बैठक में भाग लेने वाले अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के बीच सहमति बनी है कि इन विषयों को मजबूती से आगे बढ़ाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी देशों ने हमारे प्रस्ताव का समर्थन किया
गोविंद मोहन ने कहा कि बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि विशेषज्ञ अब वेबिनार के माध्यम से सूक्ष्म स्तर की डिटेलिंग पर काम करेंगे, ताकि अगस्त तक हम एक नई पहल की घोषणा कर सकें और उसके आधार पर एक नया रास्ता तैयार किया जा सके। उन्होंने कहा कि यूनाइटेड किंगडम, मॉरीशस, जापान, सिंगापुर, संयुक्त राज्य अमेरिका सहित कई देशों के बीच हुई बैठक में द्विपक्षीय वार्ता भी हुई है।  
जी-20 समिट में भारत की अध्यक्षता के तहत संस्कृति कार्य समूह ने अपनी प्रारंभिक टिप्पणियों में वैश्विक रचनात्मक और सांस्कृतिक अर्थव्यवस्था को फिर से आकार देने के लिए दुनिया भर में संस्कृति के संरक्षण को फिर से मजबूत करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला गया। दूसरे दिन शुक्रवार को ज्ञान भागीदार यूनेस्को द्वारा प्रस्तुतियों के साथ-साथ कार्य प्रक्रिया पर प्रस्तुती दी गई।


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