बकस्वाहा जपं की कमान युवाओं को मिली तमाम राजनीतिक कसमकस के बाद रजनी यादव अध्यक्ष और नरेंद्र सिंह बुंदेला उपाध्यक्ष पद पर हुए निर्वाचित
बकस्वाहा । 27 जुलाई । छतरपुर जिले की दूरस्थ व पिछड़ी, विकास से वंचित व सबसे छोटी कहे जाने वाली जनपद पंचायत बकस्वाहा के आज बुधवार को हुए अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के निर्वाचन में राजनीतिक कसमकस व अनेक संघर्षों के बाद अंततः श्रीमती रजनी मोती यादव ने अध्यक्ष पद की जीत हासिल कर ही ली , वहीं उपाध्यक्ष पद पर 27 वर्षीय युवा नरेंद्र सिंह बुंदेला निर्वाचित हुए ।
यहां पर संपन्न हुए निर्वाचन में अध्यक्ष पद की दावेदार श्रीमती रजनी मोती यादव ने एक मत से जीत हासिल की , उन्हें कुल 7 मत प्राप्त हुए , वहीं श्रीमती चमेली हृदय सिंह लोधी को 6 मत प्राप्त हुए ।
यहां उल्लेखनीय ही नही अपितु आम लोगों मे यह जपं चर्चित है , लोगो का कहना है कि हर छोटे चुनाव में आज के समय बड़े बड़े नेता दिलचस्पी ले रहे हैं और हर जगह अपने चहेतों को बैठाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। पंच से लेकर सरपंच , सेक्टर से लेकर अध्यक्ष तक हर जगह नेताओं ने अपने ही परिवार या नाते रिश्तेदारों को बैठाने की कसम सी खाई है। जनता व छोटे कार्यकर्ता केवल नेताओ के लिए एक कटपुतली जैसे हैं।
पिछले दिनों प्रदेश में हुये पंचायत चुनाव के बाद जनपद अध्यक्षों की ताजपोसी आज हुई है। इस ताजपोसी जो आसान दिख रहा हैं ,उतना आसान हुआ नहीं । अध्यक्ष पद के दावेदारों को पहले तो इन्हें दूसरे दावेदारों से दूर रखने के लिए अज्ञात यात्रा पर भेजना पड़ा । यही नहीं इस दौरान कोई और सेंध न मार ले इसका भी पूरी सर्तकता से ध्यान रखना पड़ा।
छतरपुर जिले की सबसे छोटी जनपद पंचायत बकस्वाहा की 13 सदस्यीय जनपद है। इसमें कांग्रेस मुख्य रूप से खेल से बाहर रही क्योंकि न तो उसने अपना प्रत्याशी घोषित किया न ही जोड़ तोड़ की कोशिश की है। भाजपा ने भी अपना अधिकृत प्रत्यासी घोषित नहीं किया , लेकिन 2 सदस्यों ने अपनी दावेदारी पेश की और इसी दावेदारी के साथ ही जिले की राजनीति में गुटबाजी साफ तौर पर देखी जा सकती है।
यहां भी उल्लेखनीय है कि रजनी मोती लाल यादव
वार्ड नं 8 से जीत कर आई है, जो अब अध्यक्ष की कुर्सी पर काबिज हो चुकी है। इनके पास 9 सदस्यों का समर्थन होने के बावजूद भी कुर्सी मिलना आसान नहीं रही है क्योंकि 9 सदस्यों के समर्थन होते हुये भी इनका क्षेत्रीय विधायक प्रदुम्न सिंह लोधी का खुला विरोध झेलना पड़ा क्योकि विधायक अपने करीबी व नाते रिश्तेदार को अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठाना चाहते थे। वही रजनी मोती यादव के पास प्रदेश अध्यक्ष वी डी शर्मा व पूर्व मंत्री ललिता यादव समेत पूर्व विधायक रेखा यादव का खुला समर्थन प्राप्त था। इसके बाद भी विधायक अपने पर अड़े हुए तमाम रोड़े डाल रहे थे, जिसका खुले तौर विरोध भी विधायक प्रदुम्न सिंह को झेलना पड़ा ।
स्थानीय लोगों की माने तो सभी को आशंका थी कि यह चुनाव जातीय संघर्ष की भेंट न चढ़ जाए। सुबह से ही दोनों खेमों के नेताओं व जन समुदाय ने अपना डेरा बकस्वाहा में डाल रखा था। हर तरफ से डर था कुछ भी होने का कोई भी रिस्क नहीं लेना चाहता था।
स्मरण रहे कि पूर्व में रजनी यादव के ससुर बालचंद्र यादव शहपुरा ग्राम पंचायत से सरपंच रह चुके है जिनकी सामाजिक छवि के साथ सबसे अच्छा कार्यकाल बालचंद्र यादव का चर्चित रहा है , जिसकी पूरी बागडोर उनके पुत्र मोती यादव ने संभाली । शाहगढ़ तहसील के ग्राम रछाई नरवां के सुखसाब यादव के घर जन्मी और शहपुरा के मोतीलाल के साथ विवाहित हुई 32 बर्षीय युवा रजनी ने हाईस्कूल तक की शिक्षा ग्रहण की है ।
दूसरे दावेदार वार्ड क्रमांक 6 से श्रीमती चमेलीबाई हृदय लोधी निवासी सुनवाहा काफ़ी कम अंतर से चुनाव जीतकर आई जो विधायक प्रदुम्न सिंह लोधी के करीबी माने जाते हैं।लोगो का कहना तो यह तक है कि यह उनके रिश्तेदार है, ऐसे में विधायक की नाक पर बात आ जाती है और अपने करीबी को अध्यक्ष बनाने के लिए ऐड़ी चोटी का जोर लगाने के बाद भी समर्थित सदस्यों की संख्या कम होने के कारण वो अध्यक्ष बनने की दौड़ से बाहर हो गये ।
उल्लेखनीय है कि ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि दो गुट तैयार होने की वजह से संघर्ष की स्थिति निर्मित हो सकती है इससे निपटने के लिए प्रशासन ने चाक-चौबंद व्यवस्थाओं का पुख्ता इंतजाम किया और जनपद पंचायत का निर्वाचन शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराने में सफल हुए ।
निर्वाचन की प्रक्रिया उपरांत विजयी हुए अध्यक्ष उपाध्यक्ष एवं सभी सहयोगी जनपद सदस्यों ने भारी जनसमुदाय के साथ विजय जुलूस निकालकर सबका धन्यवाद आभार माना ।
राजेश रागी/रत्नेश रागी बकस्वाहा )
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