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दान और पूजा आचरण में समाहित कर आत्मकल्याण करें : उदारसागर नैनागिरि महोत्सव में विद्यासागर का मनाया 50 वां आचार्य पदारोहण दिवस

 बकस्वाहा  / - जैन तीर्थ नैनागिरि की पावन भूमि पर पाषाण से भगवान बनाने और आत्मा से परमात्मा बनाने की प्रक्रिया की जा रही है , जिसमें श्रावक का सर्वप्रथम धर्म दान और पूजा है जिसे आचरण में समाहित कर तथा काम और वासना को त्याग कर और पंचकल्याणक की क्रियाओं को देखकर अपने जीवन को संस्कारित कर संसारिक जीवन से मुक्ति पा सकते है। 

       उक्त उदगार परम पूज्य आचार्य श्री उदारसागर जी महाराज ने पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव के आज दूसरे दिन रविवार को गर्भकल्याणक के संबंध में बिस्तार से बताते हुए अपने प्रवचन मे व्यक्त किए। आचार्य श्री ने संतशिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के आज पचासवें आचार्य पदारोहण दिवस पर आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के व्यक्तित्व एवं कृतत्व के संबंध मे बताते हुए 35 वर्ष पूर्व 1987 मे इसी पावन भूमि जैन तीर्थ नैनागिरि मे हुई 23 दीक्षाओं मे से स्वयं क्षुल्लक दीक्षा प्राप्त करने का संस्मरण सुनाकर भावविभोर कर दिया। आचार्य श्री के पूर्व उनके परम शिष्य मुनि श्री उपशांत सागर जी महाराज जिन्होंने बेतूल जिला मे मंगल चार्तुमास कर पन्द्रह दिन मे 500 किलोमीटर पदबिहार करते हुए नैनागिरि पहुंचे, जिन्होंने अपना धर्म उपदेश दिया।

     महोत्सव समिति के महामंत्री राजेश रागी पत्रकार ने बताया कि इस अवसर पर आज प्राचीन बेदियों में जिनबिम्ब स्थापन, नवीन विदियों की शुद्धि तथा भगवान के मातापिता (अजित कुमार व सीता जैन सागर) की गोद भराई, सीमंतनी क्रिया, बडागांव के पाठशाला के बच्चों द्वारा  सांस्कृतिक कार्यक्रम किये गए।इस मौके पर परम पूज्य संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के 50 वां पदारोहण दिवस विविध कार्यक्रमों के साथ आयोजित किया गया । इसके साथ ही प्रतिष्ठित हो रही सिद्ध मूर्ति प्रदाता श्री सीतादेवी विमल चंद जैन पटेरा वालों का विशेष सम्मान शाल श्रीफल माला एवं प्रशस्ति पत्र भेंट कर महोत्सव समिति की ओर से अध्यक्ष सुरेश जैन आईएएस, देवेन्द्र लुहारी, सुमतिप्रकाश प्राचार्य,इंजी अजित जैन भोपाल, सुरेश गूगरा बण्डा, सुकमाल गोल्डी, मुकेश सरपंच, सुरेश सिंघई ,अंकित सेठ सुनवाहा सहित अनेक पदाधिकारियों ने किया,साथ ही नास्ता भोजन सौजन्य कर्ताओं को भी सम्मानित किया गया। इस दौरान डॉ. वीनू जैन कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय लंदन, डॉ. विधि जैन इंदौर ,इंजी.निधि सिंघई बैंगलूर द्वारा संपादित नैनागिरि वंदना तथा सि. सतीश चंद केसर देवी जैन जनकल्याण संस्थान नैनागिरि के अध्यक्ष सुरेश जैन एवं प्रबंध निर्देशक डॉ. सिंघई के द्वारा प्रकाशित पत्रिका का विमोचन अतिथियों ने किया ।


 प्रकाशनार्थ समाचार एवं फोटो

🙏 राजेश रागी /रत्नेश भैया पत्रकार

बकस्वाहा










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