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अब तो हद कर दी आपने... आखिर खजुराहो को फ्लाइट कब.....

 विश्व धरोहर में सम्मिलित विश्व प्रसिद्ध पर्यटन नगरी खजुराहो जहां का एयरपोर्ट कभी उड़ानों से गुलजार हुआ करता था पर आज यह एयरपोर्ट एक अदद हवाई जहाज की प्रतीक्षा करते हुए 23 मार्च 2020 को लॉक डाउन के बाद से इंतजार कर रहा है पर अभी तक लाख मिन्नतों के बाद भी भारत सरकार का उड्डयन मंत्रालय खजुराहो के प्रति बेरुखी अपनाए हुए हैं ।                             खजुराहो एयरपोर्ट जिसको बने हुए 50 वर्ष पूरे हो चुके हैं तथा 590 एकड़ के विशाल भूभाग में स्थित यह एयरपोर्ट गुमनामी के साए में है, विश्व विरासत सूची में सम्मिलित मध्य प्रदेश का एक ऐसा इकलौता पर्यटन स्थल जहां सबसे अधिक मध्यप्रदेश में विदेशी पर्यटक आते हैं और बड़ी संख्या में देशी पर्यटक भी, यहां का पूरा व्यवसाय पर्यटन पर ही आधारित है , मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा पांच सितारा और 3 स्टार होटल इस छोटे से नगर में लगभग 1000 स्तरीय कमरों की उपलब्धता आज यहां कि एयर कनेक्टिविटी बंद होने के कारण सन्नाटे के दौर से गुजर रही है, यहां के पर्यटन व्यवसायियों के द्वारा कई बार आवेदन- प्रतिवेदन और निवेदन किया जा चुका है लेकिन भारत सरकार का उड्डयन मंत्रालय जिसके मंसूबे वर्तमान परिस्थितियों में तो ऐसा प्रतीत होता है कि जैसे वह खजुराहो के साथ कोई बड़ी दुश्मनी निभा रहा हो वरना लगभग 2 वर्ष से बंद पड़े एयरपोर्ट में जहां हर माह लाखों रुपए भारत सरकार खर्च करती है पर इनकम के नाम पर जीरो आखिर ऐसा क्यों...? यह एक बड़ा सवाल है l                               भारत सरकार में नए उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया जी के द्वारा भी कुछ महीनों पूर्व एक वर्चुअल मीटिंग के दौरान स्पाइसजेट के चेयरमैन अजय सिंह के साथ खजुराहो में 15 अक्टूबर से उड़ान प्रारंभ होने की बात कही गई थी लेकिन आज तक एक केंद्रीय मंत्री के द्वारा कही हुई बात को पूरा नहीं किया जा सका आखिर क्यों ऐसी क्या मजबूरियां हैं और आखिर ऐसा क्यों कि एक तरफ गवालियर को आधा दर्जन फ्लाइट्स और वही विश्व स्तर के महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल खजुराहो को एक भी फ्लाइट नहीं, क्या हमारे देश के उड्डयन मंत्री सिर्फ ग्वालियर के लिए मंत्री बने हैं या फिर पूरे देश के अगर वह पूरे देश के उड्डयन  मंत्री हैं, मध्यप्रदेश के होते हुए भी और खजुराहो जैसे महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल से परिचित होने के बाद अभी तक इस तरफ उनका रुख अख्तियार क्यों नहीं हुआ यह एक बड़ा ही चिंतनीय विषय है व विचारणीय विषय है ।                                         जानकारी के मुताबिक आरसीएस के रूट अवार्ड स्पाइसजेट को होने के बाद भी अभी तक इनके द्वारा खजुराहो को क्यों नहीं जोड़ा गया , जबकि स्पाइसजेट का फ्लाइट भोपाल- प्रयागराज, कानपुर से दिल्ली व कोलकाता तथा लखनऊ मुंबई गोवा जैसी फ्लाइट जोकि खजुराहो से होते हुए भी स्टॉपेज के साथ यहां से उड़ान भर सकती है, जिससे पर्यटन के दृष्टिकोण से अगर इसे कनेक्टेड फ्लाइट यहां के एयरपोर्ट में स्टॉपेज देते हुए भी प्लान किया जाए तो बुरा नहीं है लेकिन एक साफ दृष्टिकोण और मानसिकता की आवश्यकता है ।      खजुराहो में फ्लाइट्स ना होने के कारण खजुराहो जैसे अति महत्वपूर्ण स्थल में जहां हर वर्ष सैकड़ों कॉन्फ्रेंस भी होते थे, खजुराहो अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव भी आयोजित होता है खजुराहो नृत्य समारोह तथा अन्य कई और भी गतिविधियां साथ ही वर्तमान में एक बेस्ट वेडिंग डेस्टिनेशन भी खजुराहो उभरकर लोगों के दिलों दिमाग में है, अतः इन सब के लिए अगर यहां फ्लाइट सेवा हो तो यह सब भी प्रभावित नहीं होते पर वर्तमान में फ्लाइट्स ना होने के कारण इन सब गतिविधियों का भी दुष्प्रभाव देखने को मिल रहा है जिसके चलते होटल इंडस्ट्री, ट्रैवल एजेंट्स एवं टूरिस्ट ट्रेड से जुड़े हुए सभी लोग बहुत ज्यादा प्रभावित हैं ।                                       खजुराहो लोकसभा क्षेत्र से सांसद विष्णु दत्त शर्मा जी के द्वारा सतत प्रयास एवं उड्डयन मंत्री से कई मुलाकातों के बाद भी आखिर बी.डी शर्मा जैसे वर्तमान प्रदेश की राजनीति में एक वजनदार शख्सियत होने के बाद भी उड्डयन मंत्री के द्वारा नजरअंदाज किया जाना बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण है, खजुराहो के पर्यटन को पटरी में लाने के लिए देश के नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया जी की तरफ खजुराहो की हजारों आंखें यह ताक रही हैं कि आखिर आप कब तक खजुराहो पर कृपा करेंगे, खजुराहो की इन पथराई आंखों पर कुछ तो तरस करें श्रीमान उड्डयन मंत्री जी...?              राजीव शुक्ला पत्रकार खजुराहो


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