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-विश्व गौरैया संरक्षण दिवस पर संगम सेवालय द्वारा परिचर्चा का आयोजन, छात्रों ने बनाये घोसला, मिली सराहना

 छतरपुर। गौरैया सिर्फ एक चिड़िया नहीं है बलिक हमारी दोस्त भी है। क्योंकि इन नन्ही-नन्ही पक्षियों का पर्यावरण सरंक्षण के इकोसिस्टम में बहुत महत्वपूर्ण योगदान है। इसलिए हमारी भी जिम्मेदारी बनती है कि इनके आवास के अनुकूल माहौल निर्मित हो। विश्व गौरैया संरक्षण दिवस की सार्थकता वास्तविकता में तभी सिद्घ होगीतब हम गौरैया संरक्षण एवं संवर्धन में अपना स्थान सुनिश्चित कर सकें। इस तरह महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में प्राणी विज्ञान के प्रमुख डॉएचएन खरे ने शहर की समाजसेवी संस्था संगम सेवालय द्वारा सोमवार को विश्व संरक्षण दिवस पर आयोजित परिचर्चा में अपने विचार रखे। इसके साथ ही डॉजीपी राजौरे ने युवाओं पीढ़ी को पर्यावरण के साथ गौरैया सहित अन्य पक्षियों के संरक्षण के आगे आने की बात कही। डॉदीप्ती शर्मा ने उनके द्वारा में गौरैया के संरक्षण के लिए किये जा रहे प्रयासों के अनुभव साझा किए। साथ ही अन्य अतिथियों ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम का संचालन एवं आभार अंजू अवस्थी द्वारा किया गया। मुख्य एवं विशिष्ट अतिथियों को संगम सेवालय के संचालक विपिन अवस्थी द्वारा सम्मान पत्र एवं शील्ड प्रदान की गई। इस अवसर पर आमंत्रित अतिथियों में सुनीता पथौरियारश्मि तिवारीदेवकींनंदन साहूअशोक कटारेमनीष दोषाजआनंद अग्रवालमुकेश चौबेप्रवीण गुप्तप्रकाश जैनप्रीति नायकनीलम पांडे, uhrw flag v'k¨d dVkjk jkejktk fo'odek± cgknqj flag देवेद्र सेनशिवम तिवारी सहित बड़ी संख्या में बड़ी संख्या में युवा एवं छात्र उपस्थित रहे।

-छात्र-छात्रों ने बनाए आकर्षक चिड़िया घर

विश्व गौरैया संरक्षण दिवस के मौके पर एंजिल पब्लिक स्कूल के 20 से अधिक छात्र-छात्राओं ने आकर्षक अंदाज में चिड़िया घर (घोषलाबनाएं। सभी छात्रों को प्रशस्ति-पत्र देकर उत्साहवर्धन किया गया साथ ही संस्था के वरिष्ठ सदस्य दिल्लाराम अहिरवार ने पक्षियों के बचाने के लिए देसी गायन लमटेरा अंदाज में कविता पढ़ी। ।  









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