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शास्त्र समुद्र हैं और संत बादल: श्री पारासर बागेश्वर धाम पर प्रवचन, आहूतियां, भजन और रासलीला का शुभारंभ

 छतरपुर। जिले के ग्राम गढ़ा में स्थित देश के प्रख्यात तीर्थ क्षेत्र बन चुके बागेश्वर धाम पर विश्व कल्याण और हिन्दू राष्ट्र की मनोकामना के लिए आयोजित नवकुण्डीय अन्नपूर्णा महायज्ञ का भव्य शुभारंभ हो चुका है। कलश यात्रा के अगले दिन देश के विख्यात कथाव्यास श्याम सुंदर पारासर ने अपने प्रवचनों के माध्यम से जनमानस को रामकथा से जोड़ा। इसी तरह धाम पर बनाई गई यज्ञ वेदी में वैदिक मंत्रों के साथ अग्रि को प्रज्जवलित कर आहूतियां प्रारंभ कर दी गईं हैं। यहां बनाए गए विशाल मंच पर धार्मिक कथा के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम भी शुरू हो गए हैं। पहले दिन देश के विख्यात भजन सम्राट अनूप जलोटा ने अपने भजनों की प्रस्तुति दी तो वहीं राष्ट्रपति से सम्मानित श्रीराम शर्मा की वृंदावन की मंडली द्वारा रासलीला का मंचन भी शुरू कर दिया गया है। मंगलवार को बागेश्वर धाम पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। इस अवसर पर सागर जिले के खुर्द गांव से आए 25 सदस्यीय जय महाकाल डमरू बैण्ड दल ने भी यहां पहुंचकर अपनी शानदार प्रस्तुति दी।  

बागेश्वर धाम पर संचालित इस महायज्ञ के अंतर्गत पहले दिन मंचीय कार्यक्रमों में देश के प्रख्यात कथाव्यास श्याम सुंदर पारासर के प्रवचन हुए। इन प्रवचनों के माध्यम से श्री पारासर ने भगवान राम की कथाओं का उल्लेख करते हुए जनमानस को जागरूक करने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि रामजी आनंद के स्वरूप हैं और माता जानकी शांति की स्वरूप हैं। जो भी व्यक्ति सीताराम को एक निष्ठ होकर याद करता है उसके जीवन में आनंद और शांति अवश्य आती है। उन्होंने कहा कि जीवन में एक संत, एक मंत्र, एक तंत्र, एक पंथ और एक ग्रंथ पर सर्वोपरि निष्ठा रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हनुमानजी रामजी की सेवा में एक निष्ठ हैं। वे महान कार्य करते हैं फिर भी उन्हें अभिमान छू नहीं जाता। उन्होंने बताया कि हमारे शास्त्र जीवन के गूढ़ सूत्रों से भरे हुए हैं। जिस तरह समुद्र होता है उसी तरह शास्त्र होते हैं और संत इन्हीं समुद्र रूपी शास्त्रों से बादल बनकर स्वच्छ और पावन जल लेकर आप पर उसकी वर्षा करते हैं। उन्होंने बागेश्वर धाम पर चल रहे इस आयोजन की सराहना करते हुए हिन्दू राष्ट्र निर्माण के संकल्प पर सहमति व्यक्त करते हुए कहा कि आज नहीं तो कल यह संकल्प जरूर पूरा होगा।
अनूप जलोटा के भजन पर झूमे श्रद्धालु
बागेश्वर धाम पर चल रहे इस महायज्ञ के अंतर्गत विगत शाम देश के जाने-माने भजन गायक अनूप जलोटा यहां पहुंचे। उन्होंने पहले श्री बालाजी मंदिर में हाजिरी लगाई और इसके बाद बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पं. धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री से आशीर्वाद लेकर मंच पर अपने चिर-परिचित भजनों की प्रस्तुति दी। जब उन्होंने अपने सबसे लोकप्रिय गीत ऐसी लागी लगन को प्रस्तुत किया तो जनमानस झूम उठा। उन्होंने धार्मिक भजनों के साथ-साथ राष्ट्रभक्ति के गीत भी गाए। हिन्दू राष्ट्र निर्माण के संकल्प को समर्पित करते हुए उन्होंने एक भजन ये देश है वीर जवानों का गाकर सभी को झूमने पर विवश कर दिया। लगभग दो घंटे तक उन्होंने अनेक भजनों की प्रस्तुतियां दीं।
रासलीला में बताई माखन चोर की महिमा
बागेश्वर धाम के विशाल मंच पर राष्ट्रपति से सम्मानित श्रीराम शर्मा वंृदावन की मंडली के द्वारा 13 फरवरी से 19 फरवरी तक प्रतिदिन रात्रि को रासलीला की प्रस्तुति दी जा रही है। पहले दिन इस प्रस्तुति के माध्यम से भगवान कृष्ण के माखन चोर स्वरूप की लीला का वर्णन किया गया। यह संपूर्ण लीला संगीत और भावनाओं के प्रवाह से बंधी हुई रही। कथा प्रवाह के दौरान नटखट कृष्ण और उनकी टोली के बीच हास्य से जुड़ी बातचीत ने लोगों को जमकर आनंदित किया।
अखिल भारत हिन्दू महासभा ने दिया हिन्दू रत्न सम्मान
अखिल भारत हिन्दू महासभा के द्वारा बागेश्वर धाम पर संचालित महायज्ञ के उपलक्ष्य में छतरपुर के मोटे के महावीर मंदिर से बागेश्वर धाम तक बाईक रैली निकाली गई। इसके बाद महासभा के राष्ट्रीय और प्रादेशिक पदाधिकारियों ने मंच पर जाकर बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पं. धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री को हिन्दू रत्न सम्मान से सम्मानित किया। इस अवसर पर अखिल भारत हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रविन्द्र कुमार द्विवेदी, जय बजरंग सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन उपाध्याय, अखिल भारत हिन्दू महासभा के प्रदेश अध्यक्ष अंकित भटनागर, जिलाध्यक्ष संजय शर्मा, महिला मोर्चा की अध्यक्ष विनीता पटेल उपस्थित रहीं। अखिल भारत महासभा की टीम ने कहा कि पं. धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री पूरे देश के हिन्दुओं को एकजुट करने का काम कर रहे हैं हम उनके नेतृत्व में भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाने के अभियान को और मजबूती से आगे बढ़ाएंगे। 
























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