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पंचकल्याणक के चौथे दिवस केवलज्ञान एवं मुनिआदिनाथ की आहारचर्या के साथ,समोशरण की रचना एवं दिव्यवाणी खिरी

 पथरिया  / - विरागोदय तीर्थ में चल रहे पंचकल्याणक महामहोत्सव के चतुर्थ दिन गुरुवार को होने वाले धार्मिक आयोजन में प्रात: भगवान का अभिषेक व शांति धारा हुई तथा देव शास्त्र गुरु व अन्य नियमित पूजा के साथ ही भगवान आदिनाथ के ज्ञान कल्याणक की पूजा हुई।  


  मुनिआदिनाथ की आहारचर्या का अद्भुत नजारा


विरागोदय तीर्थ की परिसर में मुनि आदिनाथ की आहारचर्या का अद्भुत नजारा था जहाँ एक साथ 81 मुनियों के पड़गाहन हजारों लोगों के द्वारा किया जा रहा था सभी लोग हे स्वामी नमोस्तु नमोस्तु कर रहे थे भारत गौरव गणाचार्य श्री108 विराग सागर जी ने राजा श्रेयांस विकास रीता जैन दिल्ली एवं राजा सोम प्रतीक आरती जैन दादी सुधारानी जैन बीना वालो के चौके में सम्पन्न कराई।   


आचार्य श्री108 विनिश्चय सागर जी के मंगल प्रवचन भी हुए जिसमे उन्होंने बताया पूज्य गुरुदेव गृहस्थ जीवन में मेरे लिए काफी वात्सल्य देते थे में तब मेरी उम्र 7 बर्ष की थी उनकी ऊँगली पकड़कर चलता था,फिर वह अचानक नगर से बाहर चले गए पता किया तो जानकारी मिली कटनी संस्कृत विद्यालय अध्यक्ष करने चले गए जब मुझे पुनःमिले 18 वर्ष उपरांत जतारा में तो उन्होंने हाँथ पकड़ लिया तव मेरे मन मे विचार आया मैने कहा गुरुदेव अब हाँथ मत छोड़ना गुरुदेव ने मुस्कुराते हुए सिर पर हाँथ रख दिया फिर में वापिस नहीं लौटा और आजीवन ब्रह्मचर्य व्रत लेकर संघ में रहकर विधा अध्ययन किया और फिर गुरुदेव ने दीक्षा प्रदान की।।                  समोशरण की रचना एवं भगवान की दिव्यवाणी खिरी:-81 समोशरण की रचना धनपति कुबेर द्वारा की गई जहां भगवान की मंगलकारी वाणी गणाचार्य गुरुदेव विराग सागर जी के द्वारा  लाभ भी मानवों को प्राप्त हुआ।


नैनागिर कमेटी ने कियाश्रीफल समर्पित


पथरिया के विरागोदय तीर्थ मे गणाचार्य श्री 108 विराग सागर जी महाराज ससंघ के मंगल सानिध्य में आयोजित महामहोत्सव में पधारे समस्त आचार्य मुनि महाराज सहित साधु-संतों को  नैनागिरि जी की वंदना दर्शनार्थ पधारने की प्रार्थना निवेदन व श्रीफल समर्पित करने के साथ ही महामहोत्सव मे सम्मिलित सभी पात्रों एवं पधार रहे महानुभावों को नैनागिरि जी दर्शनार्थ आमंत्रित किया । नैनागिरि कमेटी के राजेश रागी , अशोक बम्हौरी, देवेंद्र लुहारी, वीरेंद्र सिंघई ,सुखानंद शाह ,सुरेश गूगरा, सुरेश सुनवाहा, मनोज बंगेला ,राकेश जैन, भागचंद्र, देवेन्द्र देव सहित सैकड़ों लोग सम्मिलित रहे  (राजेश रागी/रत्नेश जैन बकस्वाहा)





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