बीएमओ डॉ मनोज पाल अस्पताल प्रवन्धक की लचर व्यवस्था के चलते एक युवक ने गवाई अपनी जान। अस्पताल मे डॉ मौजूद नही,अगर सटई अस्पताल मैं ईलाज मिल जाता तो बच जाती अरविंद कुशवाहा की जान।
मामला नगर सटई का है।आपको बता दे ।की आज दोपहर 11 बजे पूर्व कोंग्रेस नगर अध्यक्ष दीनदयाल कुशवाहा के बड़े पुत्र अरविंद कुशवाहा उम्र 35 वर्ष प्रतिदिन की तरह दुकान पर पहुँचा।जहा पर बैठे बैठे वह कुर्सी से नीचे गिर गया। आनन फानन मैं आस पास के दुकानदारों द्वारा अस्पताल ले जाया गया।जैसा कि आप सब को पता है सटई अस्पताल तो भगवान भरोसे चल रहा हैं।यहाँ पर कोई भी डॉ मौजूद नही था।तत्काल एम्बुलेंस की सहायता से अरविंद को जिला अस्पताल ले जाया गया।जहाँ पर मौजूद डॉ द्वारा उसे मृत घोषित कर दिया गया। मृतक के पिता दीनदयाल कुशवाहा ने बताया कि मेरे पुत्र की मृत्यु ह्रदय गति रुक जाने से हुई है।अगर मेरे पुत्र को सटई अस्पताल मे इलाज मिल जाता तो आज मेरा पुत्र शायद जिंदा होता।सटई अस्पताल की लापरवाही की खबरे पूर्व मैं भी कई बार प्रकाशित की जा चुकी हैं।मगर प्रशासन के कानो मैं जू तक नही रेंगती। आज अस्पताल की लापरवाही की वजह से अरविंद कुशवाहा ने अपनी जान गवा दी हैं।अगर अस्पताल मैं डॉ उपस्थित होते तो मृतक को प्राथमिक उपचार मिल जाता तो शायद युवक की जान बच जाती।बीएमए डॉ मनोज पाल की उदासीनता के चलते सटई अस्पताल की व्यवस्थायें पूरी तरह चरमरा गई है।इससे पहले की सटई की जनता उग्र आंदोलन पर उतारू हो प्रशासन को कुम्भकर्ण की नींद से जागना होगा।और बीएमओ डॉ मनीज पाल और अन्य भ्रस्र डॉक्टरों पर दं
डात्मक कार्यवाही करनी होगी।
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