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सावधानी एवं बचाव हेतु यह तरीके अपनाएं डेंगू एवं मलेरिया फैलाने वाले मच्छर कहां फैदा होते है? मच्छरदानी का करें उपयोग, आसपास न हो पानी जमा

 जिले के लोगोें से अपील की गई है कि वर्षा आने के पूर्व घर के आस-पास वर्षा का पानी का जमा नही होने दें।


◆ मटके, गमले, टायर, फूलदान, किचन, गार्डन के रूके हुए पानी के जमा होने से मच्छर फैलते है। इसीलिए इन्हें उल्टाकर रखें। 


◆ कूलर, पानी की टंकी, मटके तथा पानी की होद को सप्ताह मे एक बार खाली कर सुखाएं, फिर भरें, यदि घर के आसपास वर्षा का पानी या कोई गड्डे में घरेलू उपयोग का पानी जमा होता तो उसमें जला हुआ ऑयल डाले या मिट्टी का तेल डाले। 


◆ मच्छरदानी का उपयोग करें। 


◆ सोते समय पूरी बाहों के कपड़े पहनें। बुखार आने की स्थिति में तुरंत जांच कराएं और खाली पेट दवा का सेवन न करें।


मलेरिया के लक्षण


◆ मलेरिया होने की स्थिति में सर्दी लगने के साथ-साथ तेज बुखार आता है और उल्टियां होती है और सिर दर्द बना रहता है। पसीना आकर बुखार आना एवं उतरना, थकावट एवं कमजोरी का होना लक्षण पाये जाते है। 

◆ बुखार आने पर खून की जांच कराएं टेस्ट रिपोर्ट में पुष्टि होने के बाद पूरा उपचार ले। स्वास्थ्य केन्द्रों पर मलेरिया की जांच निःशुल्क होती है।


कैसे करें डेंगू रोग की पहचान


◆ डेंगू रोग एडीज मच्छर के काटनें से फैलता है। इसके मच्छर दिन के समय काटते हैं। इसमें तेज बुखार के साथ सिर दर्द, जोड़ों तथा मासपेशियों में दर्द, थकावट आना और जी मचलाना इसके मुख्य लक्षण है। मसूड़े में खून आना तथा त्वचा पर चकत्ते का होना गंभीर अवस्था के लक्षण है।


फाईलेरिया के लक्षण


फालेरिया रोग में भी शरीर में हल्का बुखार आने के साथ दर्द होता है। हाथ पैर में सूजन होने के साथ, त्वचा लाल होती है। फाइलेरिया रोग का प्रमुख रूप है, पैरों का हाथी जैसा होना, फाइलेरिया के मच्छर गंदे पानी में पैदा होते है इसीलिए नालियों और गड्ढों में पानी भरे नहीं रहें। प्रति सप्ताह मिट्टी का तेल या जला हुआ तेल डालकर मच्छर के लार्वा नष्ट करें। डॉ. के परामर्श से डीईसी एवं एलबेंडाजोल की गोली उम्र के हिसाब से भोजन के बाद खाएं।


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