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खुले बोरवेल को बंद कराने युद्ध स्तर पर ज्वाइंट एक्टिविटी हो: कलेक्टर बोरवेल ऑपरेटर की बैठक करने के निर्देश

 कलेक्टर छतरपुर श्री संदीप जी आर ने गुरूवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में सम्पन्न हुई साप्ताहिक समीक्षा बैठक में कहा कि जिले में खुले एवं अनुपयोगी बोरवेल को बंद कराने के लिये युद्ध स्तर पर ज्वाइंट एक्टिविटी करने तथा बोरवेल ऑपरेटर के साथ चर्चा करने के निर्देश दिये। उन्होंने सिंचाई एवं पीएचई विभाग के ईई को निर्देश दिये कि ऐसे अनुपयोगी बोरवेल के माध्यम से जल को रिचार्ज किया जा सकता है, इस संबंध में वर्कआउट करें। जिला स्तर पर एडीएम और खण्ड स्तर पर एसडीएम बोरवेल ऐसोसिएशन की बैठक कर चर्चा करेंगे।

कलेक्टर ने इस कार्य में जिला अधिकारी और मैदान स्तरीय अधिकारी टीम भावना से कार्य करें। जिले के सभी शासकीय संस्थानों, शालाओ, हॉस्टल तथा शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र के निजी घरों में खनन कराये गये अनुपयोगी बोरवेल होने के संबंध में जानकारी एकत्र करें। इस अभियान में शिक्षकों की सहभागिता एवं सहयोग करने के लिये जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिये गये।

कलेक्टर ने शासकीय कार्यालयों में बने रैंप की समीक्षा करते हुये कहा कि जिन दफ्तरों में निर्धारित आकार के फंक्शनल रैंप नहीं बने है वहां 1×12   आकर के बनाएं। जिन शालाओं के प्राचार्य इस कार्य में रूचि नहीं लेगें उनके खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।

जारी मानसून सत्र में आंगनवाड़ी केन्द्रों पर मुन्गा के पौध रोपण किये जाएं। उन्होंने कहा कि सीईओ जिला पं एवं डूडा प्रभारी सामाजिक सुरक्षा पेंशन पा रहे व्यक्तियों के जीवित होने का भौतिक सत्यापन प्राथमिकता से करें जो हितग्राही जीवित नहीं है। उनका मृत्यू प्रमाण पत्र जारी करें।

शालाओं के बच्चों के जाति प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया की समीक्षा करते हुए जिला शिक्षाधिकारी को की गई कार्यवाही से अवगत कराने के निर्देश दिए गए। साप्ताहित समीक्षा में ग्राम पंचायतों में लाडली लक्ष्मी फ्रेन्डली ग्राम घोषित कराने की समीक्षा की गई। विभागीय अधिकारियों को अनुपयोगी सामग्री की नीलामी कराने और की गई कार्यवाही की जानकारी देने पर जोर दिया गया। दिव्यांगों के यूआईडी प्रमाण पत्र की समीक्षा करते हुए कलेक्टर ने निर्देश दिए की डॉक्टर्स निर्धारित समय में बैठकर कार्यवाही करें। इस प्रमाण के लिए दिव्यांग भटकें नहीं और तैनात डॉक्टर अनावश्यक रूप से अनुपस्थित न रहे यह सुनिश्चित हो। उन्होंने कहा कि शैक्षणिक संस्थाओं से 100 मीटर की परिधि में सभी प्रकार की नशा की सामग्री की बिक्री प्रतिबंधित की जाए।




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