उपाध्याय श्री जन संत वीरंजन साग़र जी मुनिराज ससंघ का हुआ छतरपुर नगर में भव्य आगवन इंसान से परमात्मा बनने की यात्रा में मुनिराज ने दी छूलीका दीक्षा
जैन समाज सह मंत्री अजित जैन ने बताया कि परम पूज्य गणाचार्य श्री विराग सागर जी मुनिराज के शिष्य उपाध्याय श्री जनसंत वीरंजन सागर जी मुनिराज का छतरपुर नगर में मंगल आगमन आज सुबह बड़ा मंदिर बजरिया मैं हुआ जिसमें समस्त समाज ने भव्य आगवानी की ओर ओर मुनि श्री ससंघ के सानिध्य में विगत कई दिनों से समाधि मरण की प्रक्रिया में चल रही झपक राज श्री कमल रानी पुष्पा देवी जैन महेवा बाले की प्रवल मंगल भावना से मुनिराज ससंघ को दीक्षा के लिये श्रीफल भेंट किया,मुनिराज ससंघ ने आशीर्वाद देते हुये आज दोपहर में उपाध्याय वीरंजन सागर जी मुनिराज ने उनके ऊपर संस्कार किये ओर उनको छुलीका श्री के संस्कार दिये जिसमे 11 प्रतिमा के मंत्रों द्वारा संस्कार इंसान से परमात्मा की यात्रा करने के लिये दिया सूर्य मंत्र दिया जिससे उनका इस भव का कल्याण हो ओर समाधि मरण करके अपने जीवन का कल्याण हो सके ।
मुनि श्री ने उनके सिर पर स्वास्तिक बनाकर संस्कार किए जिन का नया नाम रखा गया जो छूलीका पुष्प श्री माताजी के नाम से जानी जायेगी और उनके हाथों में मयूर पिच्छी दी ओर कमण्डल भी दिया गया कई जन्म के पुण्य के योग से यह सब प्राप्त होता है आगे कहा जाता है कि पंच कल्याणक मै पाषाण से भगवान बनाते पर आज इंसान से परमात्मा बनने की यात्रा प्रारंभ की गई ।
मुनिराज ससंघ की अगवानी में और दीक्षा समारोह में सैकड़ों की संख्या में महिला पुरुष जन उपस्थित रहे जिनमें से प्रमुख रूप से ब्रह्मचारी अंकुर भैया जी ,ब्रह्मचारी विनी भैया जी, दादा ज्ञान चंद्र जैन, पूर्व अध्यक्ष जय कुमार जैन ,उपाध्यक्ष अजय फट्टा रितेश जैन कोषाध्यक्ष जीतेंद्र जैन महा मंत्री सुदेश जैन ,सहमंत्री अजित जैन उपाध्यक्ष अशोक जैन बब्बू , सुमत प्रकाश जैन बोटू चाचा प्रदीप जैन चौधरी, देवराज जैन, उमेश जैन बंडा वाले, अमिताभ जैन ,सचिन जैन ,स्वप्निल जैन, श्रीपाल जैन ,लकी बड़कुल, अरविंद बड़कुल, सुधीर जैन गुड्डा चाचा ओर भी सैकड़ो की संख्या में महिला पुरुष जन उपस्थित रहे।
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