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नवधा भक्ति पर प्रकाश डालते हुये बागेश्वर धाम सरकार के पीठाधीश्वर

 टीकमगढ़। हरि कथा को चित्त में नहीं चरित्र में उतारने से ही कल्याण होगा। हरि कथा को सुनने और सुनकर भूलने से भला नहीं हो सकता। हमें राम चरित मानस में दी गई शिक्षा को अपने जीवन में आत्मसात करना चाहिये। मानस हमें हरि कथा के महत्व की शिक्षा देता है। नवधा भक्ति में दूसरी भक्ति हरि कथा, प्रभु भजन और संकीर्तन को ही बताया गया है। भक्त हनुमंत लाल जी ने हरि कथा के महत्व को बताया है। हरि अनंत हरि कथा अनंता..। हरि कथा को सुनने में कुछ नहीं लगता है, ेकेवल अपने कानों को खुला रखना पड़ता है। हमें चाहिये कि जहां भी हरि की कथा हो, वहां अपने चित्त को स्थिर रखकर ही कथा को सुने और अपने जीवन में उतारें। यह विचार आचार्य पंडित धीरेन्द्र शास्त्री ने यहां राम कथा के दूसरे दिन व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि कलियुग में हरि भजन और हरि कथा सुनाकर अनेक भक्तों ने प्रभु को पा लिया। उन्होंने प्रभु संकीर्तन और हरि कथा के महत्व को बढ़े ही रोचक ढंग से सुनाते हुये कहा कि हनुमान जी और प्रभु राम के बीच हुये एक संवाद से हरि कथा के महत्व को अच्छी तरह से समझा जा सकता है। एक बार जब प्रभु राम जी अपने धाम जाने लगे तो उन्होंने अपने परम भक्त हनुमान जी से साथ चलने को कहा। यह सुनकर हनुमान जी ने प्रभु से पूंछा कि भगवन वहां राम कथा होगी। इस पर प्रभु हंस दिये और बोले कि जहां हम स्वयं होंगे, वहां मेरी कथा क्यों होगी। इस पर हनुमान जी बोले कि तो हमारा चलना संभव नहीं होगा। क्यों जहां आपकी कथा होती है, वहां आप रहते ही हैं और हमें आपकी कथा को सुनने का भी अवसर मिलता है। इसीलिये जहां राम कथा होती है, वहां राम भक्त हनुमानजी स्वयं आते हैं। वह राम जी के दर्शन पाते हैं और साथ ही राम कथा का आनंद भी पाते हैं। इसी प्रकार उन्होंने अनेक भक्तों के रोचक प्रसंग सुनाये। कथा के दौरान अनेक लोगों का गुरूदेव ने सम्मान किया। इसके साथ ही आरती एवं प्रसाद ग्रहण किया। उन्होंने कहा कि कलियुग में केवल हरि गुण गाने का जो पुण्य प्राप्त होता है, वह साधु संतों को पूर्व में हजारों की साल की तपस्या के बाद प्राप्त होता था। कलियुग में हरि संकीर्तन करने से ही मनुप्य का कल्याण हो जाता है। इस दौरान अनेक भजन कीर्तन आचार्य श्री ने सुनाये, जिन्हें सुनकर श्रोता झूम उठे। इस दौरान कथा के यजमान मीरा-राजेन्द्र तिवारी ने आचार्य श्री की आरती की। इस अवसर पर कथा यजमान मीरा-राजेन्द्र तिवारी, राम गोपाल शर्मा, पत्रकार प्रदीप खरे, राहुल तिवारी, रामू शर्मा, मधुकर उपाध्याय, राजेन्द्र बिदुआ, राजेश रिछारिया, रिक्की तिवारी, पूनम जायसवाल, अंजली अग्रवाल, बाबी राजपूत, सुमन खरे, उमा खरे, कृष्णा रैकवार, मधुकर उपाध्याय, अखिलेश तिवारी, बृजनंदन रावत, सुरेश दौदेरिया, जेपी दीक्षित, श्रीराम यादव, केएल टेलर, मनीराम कठैल, भरत खरे, मुकेश खरे, राजेन्द्र खरे, राघवेन्द्र खरे, संजीव खरे,ऊषा खरे, कुमुद समारी, कृष्ण दीपक वैद्य, मीरा तिवारी,विभा श्रीवास्तव, नीलम शर्मा, सूर्य प्रकाश खरे, सूर्य प्रकाश मिश्रा, डां इस्सू, भरत सोनी, विजय पटैरिया, सौरभ खरे, निखिल शर्मा, गिरीश खरे, गोलू रजक, गोलू अग्रिहोत्री, राजेन्द्र तिवारी सेवा निवृत्त शिक्षक, राज कुमार यादव गिन्नी, सीताराम तिवारी, मनोज नायक, मिनी खरे, मिनी तिवारी, मन मोहन तिवारी, जयराम चतुर्वेदी सहित अनेक श्रद्धालु उपस्थित रहे।

देर रात तक चला भंडारा, पाया प्रसाद  

स्थानीय अमर शहीद नारायण दास खरे स्टेडियम में चल रही राम कथा के दौरान कलश यात्रा में शामिल होने आये पुरूष और महिलाओं को प्रसाद ग्रहण कराया गया। पंडित राजेन्द्र तिवारी द्वारा यहां आये हजारों श्रद्धालु को भोजन प्रसादी कराई गई। इसके साथ ही उन्होंने बाहर से आये साधु -संतों का भव्य स्वागत कर आशीर्वाद लिया। कलश यात्रा के दौरान श्री तिवारी जी मानस सिर पर धारण कर पैदल श्रद्धालुओं के साथ चले। बताया गया है कि आचार्य पंडित धीरेन्द्र शास्त्री के दर्शनों के लिये भी अपार जन समुदाय उमड़ा। आज कथा में उमड़ी हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ ने यहां प्रसाद ग्रहण किया।देश को हिंदु राष्ट्र बनाने का मतलब यह नहीं कि यहां कोई किसी धर्म को स्थान नहीं होगा-

सनातन धर्म में वसुदेव कुटुंब कम की धारण सदा से रही है

टीकमगढ़। हिंदु धर्म और उन्हें बदनाम करने के लिये लोग तरह-तरह की बातें करते हैं। सनातन धर्म में कभी भी किसी धर्म का अपमान करना या किसी के प्रति नफरत करना नहीं सिखाया जाता है। वह तो सनातन धर्म को मानने वाले हैं, तो सभी का सम्मान करते हैं। हिंदु राष्ट्र बन जाने से किसी भी पंथ का अनादर नहीं होगा। धाम पर हुई बेटियों के विवाह में केवल दो बेटियां ही सामान्य वर्ग की थी, शेष गरीब और अन्य जातियों से रहीं। अस्पताल में इलाज भी जाति या धर्म देखकर नहीं किया जाएगा। यहां बनने वाले अस्पताल में सभी रोगियों का इलाज होगा। धाम पर आने वालों की भी जाति नहीं देखी जाती है। कलश यात्रा में भी हमारे मुस्लिम भाईयों ने कई जगहों पर भक्तों का सम्मान किया है। यह देश सभी जाति और धर्मों का है। जब कई देश अन्य जाति या धर्मों के लोगों के नाम से जाने जाते हैं, तो हिन्दुस्तान को हिंदु राष्ट्र घोषित करने में आपत्ति क्यों है। यह बात यहां बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेन्द्र शास्त्री ने व्यक्त किये। यहां राम कथा के यजमान पंडित राजेन्द्र तिवारी के निज निवास पर आचार्य श्री धीरेन्द्र शास्त्री ने कहा कि सनातन धर्म को बदनाम करने के लिये कई ताकतें लगी हुई हैं। इतना ही नहीं उन्हें बदनाम करने में भी कतिपय लोगों ने कोई कसर नहीं छोड़ी है। लेकिन जीत हमेशा सत्य की होती है। उनकी जलन और बाबा बागेश्वर का जलबा दोनों को लोगों ने देखा है। गौवंश की रक्षा के लिये उन्होंने आज अपने संदेश एक हिन्दु एक गाय को आज एक बार फिर दोहराया। संत श्री जब गौ को पत्रकार द्वारा पशु कहकर उसे राष्ट्रीय पशु घोषित कराने पर सवाल किया, तो आचार्य श्री ने पलटवार करते हुये कहा कि यह किसने कहा कि गौ एक पशु है, गाय हमारी माता है, न कि कोई पशु। उन्होंने बुंदेली के प्रचार प्रसार पर बल देते हुये पत्रकार द्वारा पूंछे गये सवाल पर कहा कि बुंदेली का प्रचार प्रसार और बुंदेलखंड का सम्मान दोनों जरूरी हैं। आप सभी आएं और अर्जी लगायें तथा ज्ञापन दें। हमारा मुख्य उद्देश्य अभी देश को हिंदु राष्ट्र घोषित कराना है। पंडित धीरेन्द्र शास्त्री ने कहा कि सत्य की हमेशा जीत होती है, उन्होंने एक बार फिर स्पष्ट किया कि वह कोई चमत्कार नहीं करते, वह केवल सरकार से विनती करते हैं और उनकी कृपा से लोगों का भला होता है। इस दौरान पंडित श्री धीरेन्द्र शास्त्री ने कहा कि जब अन्य प्रांतों में लोग अपनी क्षेत्रीय भाषा को महत्व देते हैं, तो हमें बुंदेली को बोलने में किसी प्रकार का संकोच नहीं करना चाहिये। पत्रकारों ने बुंदेली को देश और विदेश में प्रचारित करने के लिये संत श्री धीरेन्द्र शास्त्री का आभार भी व्यक्त किया। पत्रकार यशोवर्धन नायक, राजेन्द्र अध्वर्यु सहित अनेक पत्रकारों ने श्री शास्त्री जी द्वारा बेटियों के विवाह किये जाने व रोगियों का इलाज करने के लिये अस्पताल खोलने सहित समाज को नई दिशा देने के लिये किये जा रहे कार्यों की सराहना की। इस अवसर पर कथा यजमान राजेन्द्र तिवारी, राहुल तिवारी, रिक्की तिवारी, सौरभ खरे सहित समिति  के अनेक पदाधिकारी मौजूद रहे। पत्रकार वार्ता के बाद यहां दर्शनार्थियों का मेला लगा रहा। इस दौरान नगर पालिका अध्यक्ष अब्दुल गफ्फार पप्पू मलिक अपने अनेक साथियों के साथ दर्शनों के लिये पहुंचे, जहां उन्होंने गुरूदेव से आशीर्वाद लिया।  जिला ब्यूरो चीफ प्रमोद झा टीकमगढ़ 












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