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खजुराहो के मंदिर अपने आप में ऊर्जा का केंद्र है

 माउंट आबू से आयी हुई ब्रम्हाकुमारियों ," दीदी पुष्प लता और रचना दीदी" जो पूरे विश्व में शिवलिंगो के रहस्य, परमात्मा प्रत्यक्ष एवं ओम पर विशेष शोध कर रही है शिव आराधना की उसके पश्चात पश्चिमी समूह मंदिर का भ्रमण करते हुए अपनी साधना में पाया की खजुराहो के मंदिर अपने आप में ऊर्जा का केंद्र है जिसमे भगवान ओशो और अन्य ऋषि मुनि एवं संतों ने खजुराहो को अपनी साधना का केन्द्र बनाया ।  मंदिरों में भ्रमण के बाद ब्रम्हाकुमारीयों ने खजुराहो के जैन तीर्थ में पधारे हुए मुनि संघ के दर्शन किए और अपनी शोध कार्य की चर्चा की । मुनि श्री विनम्र सागर जी ने ब्रह्मकुमारियों से कहा कि "किसी भी प्रस्तुति और लेख की प्रामाणिकता के लिए 'आधार' के महत्व की अहम भूमिका होती है।  "  ब्रह्मकुमारियों ने मुनिश्री की बात को स्वीकारते हुए अपने प्रोजेक्ट को प्रमाणीकरण के साथ तैयार करने का निर्णय लिया । 


इस पुनीत कार्य मे मतंगेश्वर सेवा समिति के अध्यक्ष पंडित श्री सुधीर शर्मा , जैन तीर्थ से योगेश जी जैन,विनोद जी जैन,राकेश जी जैन ,  श्री मतंगेश्वर बुंदेलखंड निधि बैंक के मैनेजर विजय रजक, परिवर्तन एनजीओ के बीरेंद्र सीगट रहे सभी ने मुनिश्री के चरणों को नमोस्तु कर ब्रह्मकुमारियों ने अपने प्रोजेक्ट की एक प्रति भेंट की ।




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