महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी द्वारा सनातन धर्म यात्रा हरिद्वार के सर्वानंद घाट से श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा से शुरू की गई!
संत बाल योगी जी ज्ञान नाथ महाराज जी द्वारा बताया गया कि यह यात्रा सनातन धर्म की यात्रा है सनातन धर्म प्रेमियों की यात्रा है जो पूरे हिंदी पीठ तक जाएगी ! इस यात्रा का उद्देश्य सभी सनातन धर्मावलंबियों के लिए एक सर्वमान्य धर्म अनुशासन के निर्माण हेतु आदरणीय सभी संतो से निवेदन है और अनुरोध किया गया है कि पत्र वाहक स्वामी अमृतानंद जी महाराज तथा बाल योगी ज्ञान नाथ जी महाराज सनातन धर्म के बहुत प्रकार योद्धा माने जाते हैं! महाराज ने बताया कि मूर्ख तथा अज्ञानी जन केवल वर्तमान तक ही सीमित रहते हैं! परंतु विद्वान बे होते हैं जो भूत तथा वर्तमान को आधार मानकर भविष्य की गणना कर लेते हैं! विद्वानों में भी किसी जाति का धर्म गुरु कहलाने का अधिकार केवल उनका होता है जो भूत तथा वर्तमान के आधार पर भविष्य को समझ कर अपने समाज के गौरव को आकाश की ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए निरंतर प्रयत्नशील रहते हैं! प्राचीन धर्म व संस्कृत के वाहक होने के कारण हमारा दायित्व तथा कि हम विश्व को इस भयानक खतरे से विश्व को बताते, तथा से निपटने की भी तैयारी करते पर हमने यह नहीं किया इसका परिणाम यह हुआ कि संपूर्ण विश्व इस महाविनाश की कगार तक पहुंच गया है और छतरपुर जान राय टोरिया अजान भुज सरकार के महंत श्री भगवानदास सिंगारिया जी ने गाजियाबाद उत्तर प्रदेश से आए हुए संत बाल योगी ज्ञान नाथ जी एवं अन्य संतों का स्वागत वंदन अभिनंदन किया! और मंदिर में विराजे हुए अजान भुज सरकार के दर्शन कराते हुए कहा मैं भी चाहता हूं कि सनातन धर्म की यात्रा सफल हो इसमें मेरा पूरा सहयोग रहेगा और इस प्रकार की कई यात्राओं में अपना सहयोग देता रहूंगा और जब तक मंदिरों की जमीन असुरक्षित नहीं हो जाती गोवंश सुरक्षित नहीं हो जाता तब तक इस प्रकार की यात्राओं में सनातन धर्म की यात्राओं में अपना पूरा पूरा सहयोग देता रहूंगा!
छतरपुर से अद्भुत आवाज के लिए कैमरामैन टीडी चौधरी के साथ अपने सहयोगी पीके वर्मा के साथ महेंद्र विश्वकर्मा रिपोर्ट
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