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असाधारण व्यक्तित्व के धनी वरिष्ठ समाजसेवी मा. चंद्रभान जैन "नन्ना" का हुआ दुखद देह परिवर्तन भारी जनसमुदाय ने नम आंखों से दी अंतिम बिदाई

 छतरपुर । 27/10/2022 - जिले के घुवारा निवासी 89 वर्षीय मा.चन्द्रभान जैन  "नन्ना" बारौ बालों का आज सुबह धर्मध्यान करते हुए शांत परिणामों के साथ देह परिवर्तन हो जाने पर दोपहर मे हुए दाह संस्कार मे भारी जन समुदाय ने सम्मिलित होकर अपनी अश्रुपूरित श्रद्धांजलि अर्पित कर अंतिम बिदाई दी।

        आपके मन में एक उमंग- जोश ,समाजसेवा, स्वाध्याय व धर्म प्रचार प्रसार की तीव्र भावना निरंतर प्रभावित रही है इसलिए आप जहां भी सेवारत रहे वहां की सामाजिक व धार्मिक गतिविधियों से सक्रियता के साथ जुड़े ही नहीं बल्कि उन गतिविधियों को प्रारंभ करके संचालित भी किया।उच्च प्राथमिक विद्यालय स्तर के अध्यापक व प्रधानाध्यापक रहते हुए भी आपने घुवारा नगर मे शांतिनाथ पाठशाला की स्थापना व संचालन , गणेश प्रसाद वर्णी महाविद्यालय की स्थापना व संचालन तक महत्वपूर्ण योगदान प्रदान किया ,आपने द्रोणगिरि मे तीर्थधाम सिध्दायतन की स्थापना मे अतुलनीय योगदान किया जहां के आप संस्थापक अध्यक्ष रहे है। आप द्रोण प्रांतीय नवयुवक सेवा संघ ,उदासीन आश्रम व दिगंबर जैन सिद्धक्षेत्र द्रोणगिरि की विभिन्न कार्यकारिणी में पदाधिकारी के रूप में रहते हुए सिद्धक्षेत्र द्रोणगिरि व अन्य संस्थानों के विकास में निरंतर संलग्न रहे । आपने डॉ. शीतल चंद्र फौजदार द्र

बडामलहरा ,मा. मोतीलाल भगवा व मा. प्रेमचंद मस्ताई घुवारा व अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर जैन तीर्थ द्रोणगिरि मे अथक प्रयासों के साथ श्री गुरुदत्त कुंदकुंद कहान तीर्थ स्वाध्याय मंदिर ट्रस्ट की स्थापना की एवं विशाल भूमि तीर्थधाम सिद्धायतन के लिए क्रय की और आज हम सिध्दायतन की एक विशाल रचना देख रहे हैं। अभी कुछ ही दिन पहले 20 साल - बेमिसाल जैसा कार्यक्रम द्रोणगिरि में आयोजित किया गया। आपने द्रोणगिरि के तीर्थधाम सिध्दायतन में पंचकल्याणक के 2 वर्ष पूर्व ही आचार्य समन्तभद्र शिक्षण संस्थान प्रारंभ करा दिया जो बुंदेलखंड के ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाली समाज के लिए वहां के छात्रों के लिए अनुपम उपहार के रूप में प्राप्त हुआ है । यहां पर आपकी भावना व अर्थ सहयोग से ही देश के एकमात्र ऐसे कीर्ति स्तंभ की स्थापना हुई जो कि समयसार संप्राप्ति वर्ष एवं आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष के अंतर्गत एक और आचार्य कुंदकुंद देव का परिचय कराने वाला समयसार स्तंभ है तो दूसरी ओर बुंदेलखंड के जैन स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का परिचय कराने वाली शिला पट्टों से सुसज्जित निर्मित हुआ यश कीर्ति स्तंभ का गत 16 अक्टूबर को प्रदेश के राज्यपाल के द्वारा लोकार्पण किया गया ।

   आपने मृदु व्यवहार से जैन ही नहीं जैनत्तर समाज में अपना एक महत्वपूर्ण स्थान बनाया है । आपको विशिष्ट सेवाओं और समर्पण के प्रति अनेक संस्थाओं ने आप को सम्मानित किया है, प्रदेश के राज्यपाल, न्यायमूर्ति श्रीमती विमला जैन, सुरेश जैन आईएएस सहित अनेक संस्था संस्थानों व जनप्रतिनिधि महानुभावों ने सम्मानित किया है । आपकी प्रेरणा से आपकी संतान सुपुत्री नीरा (धर्मपत्नी सुरेंद्र खरगापुर), विदुषी डा. ममता (विद्वान पं.राजकुमार शास्त्री उदयपुर) ,सुपुत्र अशोक कुमार रायपुर, आलोक दाऊ, अरविंद कुमार घुवारा निरन्तर प्रगति पथ पर है और धर्म, समाज व संस्थाओं के प्रति योगदान उल्लेखनीय है ।

    आपके देह परिवर्तन से तीर्थधाम सिध्दायतन के अध्यक्ष विनोद डेवडिया, मंत्री प्रद्युम्न फौजदार ,सिद्धक्षेत्र द्रोणगिरी के अध्यक्ष कपिल मलैया व मंत्री भागचंद पीलीदुकान ,द्रोणगिरि कमेटी के ट्रस्टी व उपाध्यक्ष सुनील घुवारा, जैन तीर्थ नैनागिरि के अध्यक्ष सुरेश जैन आईएएस, डा.पूर्णचन्द्र, मंत्री दामोदर सेठ ,जयकुमार राजश्री पात्र हाउस, न्यायमूर्ति श्रीमति विमला जैन, मा. चंद्रभान के नाती  अगम जैन आईपीएस (एस.पी.), छतरपुर टाइम्स के संपादक सनत जैन व नवनीत जैन, जैन तीर्थ नैनागिरि व द्रोणगिरि के उप मंत्री व भारतीय जैन संघठन (बीजेएस) के सम्भागीय अध्यक्ष राजेश जैन रागी ,जैन तीर्थ अहार जी के अध्यक्ष महेन्द्र कुमार बडागांव व मंत्री राजकुमार पठा, खजुराहो अतिशय क्षेत्र के पूर्व अध्यक्ष शिखर अहिंसा सहित अनेक संस्थाओं के सदस्य पदाधिकारियों व जनप्रतिनिधि व गणमान्य नागरिकों ने अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि प्रेषित की है ।(रत्नेश जैन रागी बकस्वाहा)


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