विभागों में डिजीटल नोटिस बोर्ड उपयोग करें आकाशवाणी तिराहा पर सफाई कर्मचारी यूनीफॉर्म में मौजूद रहें अनुपयोगी खुले बोरवेल अभियान के रूप में बंद हो
कलेक्टर छतरपुर श्री संदीप जी आर ने सोमवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में की विभागीय शिकायतों की समीक्षा में निर्देश दिये कि विभागों में डिजीटल नोटिस बोर्ड का उपयोग करें। उन्होंने कहा कि आकाशवाणी तिराहे पर सफाई के लिये तैनात किये गए कर्मचारी आगे से यूनीफॉर्म में मौजूद रहे। इसी तरह इस तिराहे पर समग्र स्वच्छता को ध्यान में रखते हुये नगर पालिका छतरपुर गुमटी विक्रेताओं द्वारा की जानी वाली गुटका-तम्बाकू की ब्रिकी बंद कराये। उन्होंने कहा कि छतरपुर शहर में पैदल चलने वाले लोगों को फुटपाथ के लिए जगह उपलब्ध कराने को ध्यान में रखते हुये कार्य योजना बनाएं।
उन्होंने ंकहा कि जिले में अनुपयोगी खुले बोरवेल को अभियान के रूप में बंद कराये। एडीएम जिला स्तर पर और एसडीएम जनपद स्तर पर बोरवेल खनन करने वाले संस्था-व्यक्ति और बोरवेल ऑपरेटर को मीटिंग में बुलाकर समीक्षा करें। इस कार्य में महिला एवं बाल विकास, शिक्षा, सिंचाई, पीएचई, जनपदों के सीईओ सहित ग्राम पंचायतों के सचिव एवं क्षेत्र के पटवारी, कृषि विभागों के मैदानी कर्मचारियों के समन्वय से सूची तैयार करते हुये खुले बोरवेल को बंद कराये। सिंचाई एवं पीएचई विभाग जल संवर्धन के मद्देनजर अनुपयोगी खुले बोरवेल की रियूज करने की कार्ययोजना तैयार करें। जिले के लोगों से अपील की गई है कि उनके आसपास अनुपयोेगी एवं खुले बोरवेल की जानकारी क्षेत्र के एसडीएम सहित जिला स्तर के कन्ट्रोल रूम के दूरभाष 07682-181 एवं बाढ़ आपदा कंट्रोल रूम के दूरभाष 07682-245376 पर भी जानकारी दें।
सीईओ जिला पंचायत को निर्देशित किया गया है कि जिले के सभी पंचायतों में खुले बोरवेल बंद कराने के संबंध में बाल पेंटिंग कराये। सीएमओ नगरपालिका छतरपुर को खुले एवं अनुपयोगी बोरवेल को बंद कराने एवं नागरिकों का सहयोग लेने के लिये छतरपुर शहर में डिस्प्ले बोर्ड स्लोगन एवं नारे प्रदर्शित कराने के निर्देश दिए गए।
कलेक्टर ने सीएमएचओ, सिविल सर्जन को निर्देश दिये कि चन्द्रपुरा स्थित घुम्मकड़ एवं अर्धघुम्मकड़ वर्ग के निवासरत् लोगों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिये कैंप आयोजित करें। बच्चे भीख न मांगे, उन्हें भी समाज की मुख्य धारा में शामिल करें। इसके मद्देनजर कार्ययोजना बनाएं।
कलेक्टर ने शासकीय विभागों के पास उपलब्ध एवं रिक्त भूमि की समीक्षा करते हुये कहा कि उपयोग की जा रही और अनुपयोगी भूमि की जानकारी तैयार करें। पीडब्ल्यूडी, पीआईयू विभाग को निर्देश दिये गये कि जिले में निर्माणाधीन छात्रावास एवं हॉस्टल की डिजाइन को उपयुक्त बनाये और सेप्टिक टैंक एवं सोकपिट को मुख्य पहुंच मार्ग पर नहीं बल्कि पीछे की ओर रखें।
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