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एसडीएम ने जूस पिलाकर अनशन को दिया विराम एसडीएम एवं तहसीलदार के विरुद्ध 24 घंटे से जारी था आमरण अनशन

 बकस्वाहा। 01मई ।  यहां की तहसील के समक्ष एसडीएम एवं तहसीलदार के विरुद्ध सेवा प्रदाता /रजिस्ट्री लेखक , स्टाम्प बेन्डर, याचिका लेखक तथा कम्प्यूटर व अन्य फोटो काफी का कार्य करने सहित तहसील के समक्ष रखी गुमटी धारियों ने लामबंद होकर अपनी कलम और गुमटी बंद कर अनिश्चित कालीन आंदोलन जारी कर दिया तथा 24 घंटे पूर्व प्रारंभ हुए आमरण अनशन भूख हडताल को एसडीएम ने ही भूख हड़ताल पर बैठे आठों अनशनकारियों को जूस पिलाकर आंदोलन को विराम दिया । इसके पूर्व आन्दोलन कारियों की समस्याओं को गम्भीरतापूर्वक सुना गया और उनकी समस्याओं का निराकरण करने का आश्वासन दिया गया ।

      उल्लेखनीय है कि बिजावर अनुविभाग के एसडीएम राहुल सिलारिया एवं बकस्वाहा तहसीलदार झामसिंह की प्रताड़ना एवं तुगलकी आदेश व मनमानी सामग्री की पूर्ति करने और सामान की मनचाही पूर्ति न होने पर अभद्रतापूर्ण रवैया अपनाने, एफआईआर कराने, गुमटी चकनाचूर कर हटाने, लायसेंस निरस्त कराने आदि की विभिन्न प्रकार से धमकाने पर भयभीत इन गरीब छोटे छोटे रोजगार से जुड़े परिवार का पालन करने बाले गुमटी धारकों ने जनप्रतिनिधियों व नेताओं को सुनाकर मजबूरन आन्दोलन का सहारा लिया और 28 अप्रैल को अपनी कलम व गुमटी दुकान बंद कर जमकर नारेबाजी करते हुए रैली प्रर्दशन कर मुख्यमंत्री के नाम लिखा ज्ञापन यहां के तहसीलदार को ही सौपकर आन्दोलन प्रारम्भ कर दिया जिस पर ये अधिकारी बौखला गए और सुबह होते ही एसडीएम व तहसीलदार अपने साथ नगर परिषद व भारी पुलिस बल के साथ मौका पर पहुंचकर गुमटियों की नापतौल कर जेसीबी से चकनाचूरकर हटाने की धमकियां देकर भारी दबाव बनाया, वही आन्दोलनकारियों ने अपने आन्दोलन स्थल से शांतिपूर्वक जमकर नारेबाजी कर कहा प्रशासन की मनमानी और अवैध वसूली नही चलेगी और अंततः प्रशासन का अमला वापिस चला गया ।अगले दिन जिले के मानवाधिकार सेवा संघटन की नेहा सिंह सहित तमाम समाजसेवी, सेवा प्रदाता ने आन्दोलनकारियों का समर्थन किया और आन्दोलन स्थल पर एसडीएम व तहसीलदार के समक्ष समस्याओं को बताया परन्तु कोई निराकरण नही हुआ और नौगांव सहित जिले के रजिस्ट्री लेखकों ने ज्ञापन सौपकर समर्थन देते हुए निराकरण की मांग की। आन्दोलन का रुप उग्र होकर ऐसी भीषण गर्मी मे अन्नजल का त्यागकर  सेवा प्रदाता तथा गुमटीधारक नारायण प्रसाद खरे, सुनील खरे, शुभम खरे, रत्नेश जैन ,उमेश बिल्थरे, गजेंद्र रावत तथा मनीष जैन, विनय तिवारी अमरण अनशन भूखहडताल पर बैठ गए जिनके समर्थन में गुमटीधारक क्रिमक भूखहडताल पर बैठकर समर्थन करते रहे। 

    यहां यह भी स्मरण रहे कि एक पखवाड़े पूर्व एसडीएम व तहसीलदार ने यहां के उप पंजीयक (रजिस्टार) प्रीति सिंह चंद्रा से 2 आरओ फिल्टर ,5 बडे कूलर, 60 कुर्सी, 30 गमलों सहित एक लाख रुपए से अधिक की सामग्री की व्यवस्था कराने हेतु कहा तब उप पंजीयक ने रजिस्ट्री लेखकों को एसडीएम तहसीलदार के सामने कर थोप दिया , तब इस सामग्री की पूर्ति 24 घंटे में करने का तुगलकी फरमान कर दिया, जिसका पालन भी अपनी क्षमता अनुसार इन्होंने करते हुए एक बडा कूलर, 10 कुर्सी ,10 गमले तथा चार घडें की व्यवस्था कर तहसील मे रखवा दिया , जिस पर यह अधिकारी बौखला गए और फिर क्या रोज प्रताडना लोगों के सामने बुलाकर अभद्रतापूर्ण व्यौहार शुरू कर दिया, यहां तक कि एफआईआर करने सहित विभिन्न प्रकार की धमकियां शुरू कर दी थी ,जिस प्रताडऩा से भयभीत होकर मजबूरन आन्दोलन को बाध्य हो गए थे। कमिश्नर ने भी अपने संज्ञान मे लिया और कलेक्टर से निराकरण की बात भी कही और जिले लेखक लामबंद होने लगे। फिलहाल आन्दोलन मे विराम लग गया है आगे क्या स्थिति निर्मित होती है ।


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