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राज्यपाल द्वारा महामति प्राणनाथ वाटिका, छत्रसाल शौर्य पीठ का शुभारंभ जल को सँवारे, बर्बाद नहीं करें: राज्यपाल

 प्रदेश के राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने बुधवार को महाराजा स्मृति शोध संस्थान मऊसहानियां, छतरपुर में महामति प्राणनाथ वाटिका और छत्रसाल शौर्य पीठ कार्यालय का शुभारंभ किया। उन्होंने देश की सबसे बड़ी महाराजा छत्रसाल की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुये उन्हें नमन किया, परिक्रमा की और प्राणनाथ वाटिका का अवलोकन किया और वाटिका में उन्होंने पौधरोपण किया।

राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा कि इस संस्थान में उपस्थित होकर बहुत प्रसन्नता हुई। बुन्देलखण्ड की धरा को में नमन करता है। यह क्षेत्र शौर्य गाथाओं की धरा है। उन्होंने कहा कि जल को सवारे, बर्बाद नहीं करें। प्रकृति की धरोहर का संरक्षण करें, दोहन नहीं। बीते कुछ वर्षों के दौर में ग्लोबल वार्मिंग के दौर में जलवायु में भी परिवर्तन हुआ और वर्षा में भी कमी आई है, जिसे देखते हुये वर्षा के जल का सदुपयोग करें, पानी को व्यर्थ नहीं बहाये। पर्यावरण का संतुलन बनाये रखे। उन्होंने कहा कि भारतीय इतिहास में गुरू प्रतिष्ठा को श्रेष्ठ करने को अनेक उदाहरण मिलते है। महाराजा स्मृति शोध संस्थान में महामति प्राणनाथ वाटिका और छत्रसाल शौर्य पीठ का शुभारंभ गुरु-शिष्य प्रतिष्ठा का अच्छा उदाहरण है। महाराजा छत्रसाल प्राणनाथ स्वामी के शिष्य थे। इस मौके पर राज्यपाल को संस्था की ओर से महाराजा छत्रसाल का स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।  

इस अवसर पर कलेक्टर श्री संदीप जी आर, पुलिस अधीक्षक श्री सचिन शर्मा सहित महाराजा स्मृति शोध संस्थान के पदाधिकारी एवं संचालक, जनप्रतिनिधिगण, गणमान्य एवं आमलोग भी उपस्थित रहे।













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