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राजा मधुकर शाह की नगरी में बाल रूप में जन्मे रामलला, बधाई गीतों से गूंजा कंचना घाट - पं. गणेश प्रसाद मिश्र सेवा न्यास व ओरछा के राजा राम की लीला समिति के सहयोग से हो रहा मंचन

- 6 से 15 अक्टूबर तक हो रहा  रामलीला का मंचन, अंतिम दिन होगा रावण दहन  

टीकमगढ़। आध्यात्मिक, पौराणिक और धार्मिक नगरी ओरछा में चल रही अंतर्राष्ट्रीय रामलीला के दूसरे दिन गुरूवार को भगवान श्री गणेश की वंदना से लीला प्रारंभ हुई। उसके बाद भगवान श्रीराम के जन्म की लीला का मंचन किया गया। ऐतिहासिक कंचना घाट पर बने रामलीला मंच पर जैसे ही रामलला का जन्म हुआ तो पूरा परिसर बधाई गीतों से गूंज उठा।महाराजा मधुकर शाह और रानी कुंवर गणेश की नगरी में सैकडों दर्शक इस पल के साक्षी बने। जबकि विश्व भर में रामभक्तों ने 150 से अधिक देशों में रामलीला कलाकारों के मनमोहक अभिनय को देखकर दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए। 


गुरूवार को अंतर्राष्ट्रीय रामलीला के दूसरे दिन रामलीला में दिखाया गया की किस तरह पापी रावण ने पूजा पाठ में लगे साधु संतों पर अत्याचार किए, रावण की प्रताड़ना से तंग होकर संतों ने भगवान से अवतार लेने की करुण पुकार लगाई, धर्म की रक्षा के लिए भगवान श्री विष्णु ने साधु संतों को वचन दिया कि वे धरती पर धर्म की रक्षा के लिए अयोध्या में राजा दशरथ के यहां जन्म लेंगे और पापी रावण के अत्याचार से पृथ्वी को मुक्त करेंगे, इसके बाद लीला में दिखाया गया कि राजा दशरथ संतान प्राप्ति के लिए यज्ञ का आयोजन करते हैं ।यज्ञ पूर्ण हो जाने पर राजा दशरथ के घर श्रीराम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न के रूप में चार पुत्रों का जन्म होता है। रामलीला में भगवान के जन्म लेते ही अयोध्या में आनंद की वर्षा शुरू हो जाती है और एक माह तक अयोध्या में घर घर बधाई गीतों का आयोजन होता है। इसके बाद रामलीला में विश्वामित्र का तपभंग और ताड़का सुबाहु की वध की लीला की मंचन किया गया। रामलीला के दूसरे दिन पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं अध्यक्ष अनुसूचित जाति आयोग विजय सापला मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद रहे। श्रीमती प्रमिला मिश्रा ने रामलीला का मंच संचालन किया। इस मौके पर बिजावर के पूर्व विधायक पुष्पेंद्र नाथ पाठक, पं गणेश प्रसाद मिश्र सेवा  न्यास के अध्यक्ष डॉ. राकेश मिश्र, समिति के चेयरमैन सत्य भूषण जैन, अध्यक्ष डॉ वेद प्रकाश टंडन, संयोजक अमित राय , विवेक चतुर्वेदी पूर्व अध्यक्ष , हरिश्चंद्र द्विवेदी, अनूप नारंग, सतीश चन्द्र रावत, न्यास की सचिव श्री मती आशा रावत, डॉ. रचना मिश्रा, राजेश वर्मा, संजीव कुमार, रोहित राजपाल, अनिल कुमार, विनोद बब्बर, त्र्यंबक सिंह,  सहित बडी संख्या में दर्शक मौजूद रहे ।


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विदेशों से मिल रही बधाइयां 


ओरछा में चल रही अंतर्राष्ट्रीय रामलीला का प्रसारण विश्व के 142 से ज्यादा देशों में चल रहा है ट्विटर

न्यास के अध्यक्ष डॉ.राकेश मिश्र ने बताया कि घर बैठे रामलीला का आनंद का उठा रहे कई दर्शकों ने उन्हें बधाइयां भेजी हैं। आज जापान से दीपन वर्मा नाम के दर्शक ने अपनी शुभकामनाएं भेजी हैं।इसके अलावा ओरछा में रामलीला की मंचन देखने उत्तर प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, दिल्ली सहित देश के कई राज्यों के दर्शक रामराजा की नगरी ओरछा आएं हैं।


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सीता स्वयंवर और धनुष यज्ञ की लीला आज


 8 अक्टूबर को अहिल्या उद्धार, सीता स्वयंवर, धनुष यज्ञ, लक्ष्मण परशुराम संवाद, 9 अक्टूबर को मंथरा कैकई संवाद, दशरथ कैकई  संवाद, श्रीराम वनवास, 10 अक्टूबर को श्रीराम केवट मिलन, दशरथ मरण और चित्रकूट में भरत मिलाप की कथा का मंचन किया जाएगा रामलीला के अंतिम दिन 15 अक्टूबर को रावण के पुतले का दहन होगा साथ ही ऐतिहासिक कंचना घाट पर दशहरा मिलन समारोह का आयोजन होगा।







 

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