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शहर के व्यापारियों, धर्म गुरूओं ने दिया आश्वासन मानवीय जीवन और समाज की रक्षा सबसे अहम कंधे से कंधा मिलाकर सहयोग करेंगे जिला कलेक्ट्रेट में हुई बैठक

 कलेक्टर श्री शीलेन्द्र सिंह ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में कोविड संक्रमण के मद्देनजर छतरपुर शहर के व्यापारी संगठनों और समाज के धर्मगुरूओं से चर्चा करते हुए उनसे कोविड संक्रमण की स्थिति को बेहतर करने के संबंध में रायसुमारी करते हुए सुझाव प्राप्त किए और उनकी समस्याओं का समाधान किया गया। उन्होेंने कोविड संक्रमण के संदर्भ में जिला प्रशासन की रणनीति और संसाधन की जानकारी दी। व्यापारियों और धर्मगुरूओं ने मानवीय जीवन और समाज के लोगों की रक्षा सबसे जरूरी होने पर कंधे से कंधा मिलाकर सहयोग करने का आश्वासन दिया। बैठक में शहर के विभिन्न व्यवसायिक संस्थानों के प्रतिनिधि और विभिन्न समाज के धर्मगुरू उपस्थित थे।


ग्रामीण क्षेत्रों में कंसंट्रेटर की सुविधा बहाल


बैठक में कलेक्टर ने बताया कि जिले के ग्रामीण क्षेत्र गौरिहार, चंदला, खजुराहो, बक्स्वाहा, बिजावर, नौगांव में कंसंट्रेटर की सुविधा बहाल की गई है। जिले में हर एक दिन छोड़कर पन्ना, कटनी और जबलपुर से 400 मीट्रिक टन ऑक्सीजन के टैंकर उपलब्ध होंगे। सोमवार को 400 मीट्रिक टन का टैंकर प्राप्त हुआ है। मंगलवार की रात्रि को 400 मीट्रिक टन ऑक्सीजन उपलब्ध होगी।


केवल डॉ. तय करते हैं किस मरीज को ऑक्सीजन और इंजेक्शन लगे


कलेक्टर ने बैठक में उपस्थित व्यवसायिक संगठनों के प्रतिनिधियों एवं धर्मगुरूओं को बताया कि चिकित्सालय में उपचार के लिए आने वाले मरीजों में से किस मरीज को ऑक्सीजन और इंजेक्शन लगे यह केवल और केवल डॉ. तय करते हैं। कोविड संक्रमण के दूसरे दौर में चिकित्सालय के डॉक्टरों एवं स्टॉफ द्वारा 300 से अधिक कोविड मरीजों को उपचार से ठीक करते हुए उनकी जान सुरक्षित की गई है। डॉ. एवं स्टॉफ द्वारा मानवीय जीवन के लिए भी विपरीत स्थिति में लगातार कार्य किया जा रहा है। जिले में आज की स्थिति में 600 से अधिक कोविड संक्रमित एक्टिव केस हैं। जिला चिकित्सालय के वेंटीलेटर, आईसीयू एवं आइसोलेशन वार्ड सहित कोविड केन्द्र में 75 एक्टिव कोविड संक्रमितों को तथा शहर के मिशन हॉस्पिटल, नर्मदा हॉस्पिटल को भी ऑक्सीजन उपलब्ध करा रहे हैं। चिकित्सालय में भर्ती कोविड संक्रमितों को डॉ. के परामर्श पर जिन्हें ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है ऐसे मरीजों पर प्राथमिकता से 300 सिलेण्डर ऑक्सीजन प्रतिदिन मुहैया करा रहे हैं।  


जिले में पीएसए के तहत 100 बेड वाले ऑक्सीजन की सुविधा बहाली के लिए भी प्रयास जारी हैं। इसके अलावा जिला चिकित्सालय में मई अंत तक पीएसए बनकर तैयार हो सकेगा। जिससे और अधिक संक्रमितों को बेहतर सुविधा मुहैया हा सकेगी। कोविड संक्रमण की रोकथाम के लिए शहर में संजीवनी अभियान के तहत घर-घर सर्वे अभियान संचालित है, जिसमें रोगी के लक्षण के आधार पर दवाईयां दी जाती हैं।


कलेक्टर ने व्यापारी संगठनों एवं धर्मगुरूओं से अपील करते हुए कहा कि रोगी को दी गई दवाईयों का सेवन तुरंत कराने के लिए प्रेरित करें, जिससे संक्रमण पर काबू पाया जा सके। ऐसा होने से रोगी गंभीर स्थिति में नहीं रहेगा। आज लोगों में विश्वास जाग्रत करने, उनकी निराशा दूर करने, आत्मविश्वास का उत्साहवर्धन करने की जरूरत है। टेस्ट में पॉजिटिव पाए जाने के बाद भी संक्रमित रोगी को यही दवा का सेवन करना होगा। इसीलिए जरूरी है कि सर्वे में दी गई दवा का सेवन तुरंत करें।

शहर में जहां कोविड के पॉजिटिव केस अधिक पाए जा रहे हैं वहां नियंत्रण के उद्देश्य से माइक्रो कंटेनमेंट क्षेत्र बनाए गए हैं। उन क्षेत्रों के लोग चोरी छिपे निकलना बंद करें। इसके लिए जागरूक लोग मुहल्ला समिति बनाएं और निगाह रखें। यह समिति दूसरे व्यक्ति जो कोविड संक्रमित नहीं उनकी जान की भी सुरक्षा का दायित्व लें। ऐसा होने से कोरोना की चेन तोड़ी जा सकेगी।


पैसे के लालच में परिवार की जान को खतरे में नहीं डालें


बैठक में जानकारी दी गई कि ग्रामीण अंचलों से आकर लोगों द्वारा व्यापारियों पर शादी विवाह से जुड़ी सभी प्रकार की सामग्री देने के लिए दबाव बनाया जाता है। मना करने के बावजूद लोग सामग्री देने के बाद्ध करते हैं। कलेक्टर ने समझाईश देते हुए कहा कि कुछ पैसे के लालच में खुद के साथ-साथ परिवार के लोगों को खुद होकर अदृश्य शत्रु कोविड के जाल में खुद होकर फंसाने का कार्य नहीं करें, यदि व्यापारी या परिवार के किसी सदस्य के साथ विषम स्थिति निर्मित होती है तो मानवीय जीवन का संकट आ खड़ा होता है साथ ही कई प्रकार की कठिनाईयां भी होती हैं। सामान लेने आने वाले व्यक्ति संक्रमित है या नहीं यह पहचान नहीं होती है।


बैठक में सदस्यों ने एकमत से निर्णय लिया कि सभी व्यापारियों को कोरोना कर्फ्यूकाल में सामान नहीं देने के लिए समझाएंगे तथा यदि शादी कैंसल नहीं की जा सकती है तो सामान्य स्थिति में शादी करें और कोरोना समाप्त होने और स्थिति सामान्य होने पर सामग्री लेन-देन का आदान प्रदान करें।


आईसीयू में 1 घंटे में 35 ऑक्सीजन सिलेण्डर लगते हैं


कलेक्टर ने उपस्थित प्रतिनिधियों को जानकारी देते हुए बताया कि जिला चिकित्सालय में कोविड संक्रमित होकर उपचार के लिए आईसीयू में भर्ती मरीजों का जीवन सुरक्षित बचाय रखने के लिए केवल 1 घंटे में 35 ऑक्सीजन सिलेण्डर लगते हैं। जिला प्रशासन द्वारा ऐसे गंभीर मरीजों की जीवन की सुरक्षा के लिए सबसे पहले ऑक्सीजन सिलेण्डर उपलब्ध कराई जाकर मानवता के लिए कार्य किया जा रहा है।


धर्मगुरू समाज के लोगों में सकारात्मक जागृति लाएं, लोग घबराएं नहीं


बीमारी की स्थिति में आत्मबल बनाएं रखें


कलेक्टर के परामर्श पर विभिन्न समाज के धर्मगुरूओं ने कहा कि कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने और समाज के लोगों को जागरूक बनाने के लिए कंधे से कंधा मिलाकर कार्य करेंगे। समाज के लोगों को कोरोना संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए घरों से बाहर नहीं निकलने और मास्क लगाने तथा कोरोना गाइडलाइन का पालन करने की समझाईश दी जा रही है।

सदस्यों ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि नाक के नीचे मास्क लगाने का कोई औचित्य नहीं है इससे कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा बना रहता है। इसीलिए सही ढंग से घर से जब जरूरी हो तभी बाहर निकलें और सही तरीके से मास्क लगाए रखें जिससे संक्रमण का खतरा कम से कम हो। धर्मगुरूओं ने कहा कि कोरोना कर्फ्यू की सख्ती मानवीय जीवन की सुरक्षा के लिए है। इस बात को सभी लोगों को समझना चाहिए। धर्मगुरूओं एवं व्यापारिक संस्थानों के प्रतिनिधियों को परामर्श दिया गया कि कोरोना संक्रमण से जुड़ी समस्या एवं निदान के लिए नियंत्रण कक्ष के दूरभाष नम्बर 07682-248546 पर जानकारी दें।




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