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(डॉ. भीमराव अम्बेडकर जयन्ती 2021पर विशेष) “बाबा साहेब अम्बेडकर जी के सपनों को चरितार्थ करती मोदी सरकार !”

 डॉ. राकेश मिश्र

कार्यकारी सचिव,  पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष, भारतीय जनता पार्टी 


भारत को संविधान देने वाले भारत रत्न बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर जी की आज जयंती है। बाबा साहेब समतामूलक समाज एवं सशक्त राष्ट्र के समर्थक थे। यह अलग बात है कि कुछ दलों ने अम्बेडकर जी के नाम पर वोट लेकर सिर्फ सत्ता हासिल की। नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने न सिर्फ बाबा साहेब को सम्मान दिया, बल्कि उनके सपने को भी साकार किया। 

यह भी सच है कि देश में ऐसे कई कार्य थे, जिन्हें कई दशक पहले हो जाना चाहिए था लेकिन वह नहीं हो सका। उन कार्यों को नरेंद्र मोदी जी की सरकार ने पूरा किया। देश की राजधानी नई दिल्ली में डॉ. अम्बेडकर राष्ट्रीय स्मारक का निर्माण भी ऐसे ही कार्यों में शामिल है। वैसे इसकी कल्पना को दो दशक से ज्यादा समय बीत गया था। अटल बिहारी वाजपेयी जी के नेतृत्व वाली सरकार ने इसकी व्यवस्था की थी, लेकिन उनके हटते ही यह कार्य ठप्प हो गया। उसके बाद दस वर्ष तक कांग्रेस की सरकार रही, जिन्होंने सिर्फ दलित को अपने वोट बैंक का एक समीकरण समझा। दस वर्ष का समय कम नहीं होता, लेकिन डॉ. अम्बेडकर राष्ट्रीय स्मारक के निर्माण कार्य को उपेक्षित ही छोड़ दिया गया। इन दस वर्षों तक यूपीए सरकार को बसपा का भी समर्थन मिलता रहा। लेकिन, एक बार भी अम्बेडकर राष्ट्रीय स्मारक के निर्माण को लेकर आवाज़ तक नहीं उठाई। 

डॉ. अम्बेडकर की स्मृति में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी ने 2003 को महापरिनिर्वाण स्थल घोषित किया था। यह स्मारक भारत के संविधान निर्माता डॉ. अम्बेडकर के जीवन और उनके योगदान को समर्पित है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र  मोदी जी ने 13 अप्रैल, 2018 को इसे राष्ट्र को समर्पित किया। डॉ. अम्बेडकर स्वतंत्र भारत के पहले कानून मंत्री थे। 1 नवंबर 1951 को केन्द्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने के बाद, वे 26 अलीपुर रोड, दिल्ली में सिरोही के महाराजा के घर में रहने लगे थे। जहां पर उन्होंने 6 दिसम्बर 1956 को आखिरी सांस ली और महापरिनिर्वाण प्राप्त किया।

श्री नरेंद्र मोदी सरकार ने जिस भव्य डॉ. अम्बेडकर राष्ट्रीय स्मारक का निर्माण पूरा किया है, वह किसी महापुरुष के प्रति सबसे बड़ा सम्मान है। इसके पीछे बड़ी दूरदर्शिता झलकती है। इसे संविधान की पुस्तक का स्वरूप दिया गया है। इस प्रकार यह इमारत अपने स्वरूप से ही बहुत कुछ कहती दिखाई देती है। अपने किस्म की यह भारत की पहली इमारत है, जिसमें आधुनिक संग्रहालय बनाया गया है, जिसके माध्यम से डॉ. अम्बेडकर के जीवन और कार्यों को दिखाया जाएगा। वैसे तो यह निर्माण तो डॉ. अम्बेडकर के निधन के बाद ही होना चाहिए था, लेकिन यह कार्य तब हुआ जब सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के मूलमंत्र के साथ चलने वाली भाजपा की सरकार बनी। इस स्मारक की पहल भाजपा की सरकार ने ही की थी, इसे अंजाम तक भाजपा की दूसरी सरकार नरेन्द्र  मोदी जी  ने पहुंचाया। इतना ही नहीं नरेंद्र मोदी जी की सरकार ने डॉ. अम्बेडकर से जुड़े पंचतीर्थों का भी भव्य निर्माण कराया। इसमें महू स्थित उनके जन्मस्थान, नागपुर की दीक्षा भूमि, लंदन के स्मारक निवास, अलीपुर महानिर्वाण स्थली और मुम्बई की चैत्य भूमि शामिल है। 

मोदी सरकार ने ही 2015 को अम्बेडकर की 125 वीं जयंती वर्ष समारोह पूर्वक मनाया था। इस वर्ष  डॉ. अम्बेडकर से संबंधित अनेक कार्यक्रम आयोजित किये गए। उनके जन्मदिन 14 अप्रैल को समरसता दिवस और 26 नवम्बर को संविधान दिवस घोषित किया गया। उनके जीवन पर अनुसन्धान हेतु सौ छात्रों को लंदन स्कूल आफ इकोनॉमिक्स और कोलंबिया विश्विद्यालय भेजने का निर्णय लिया गया। इन दोनों संस्थानों में डॉ. अम्बेडकर ने अध्ययन किया था।

आज पूरा देश डॉ भीमराव अम्बेडकर की जयंती पर उनके विचारों की चर्चा कर रहा है। इस चर्चा के बीच उन तमाम वैचारिक पहलुओं पर भी गौर करना जरुरी है, जो बाबा साहब अम्बेडकर की विचारधारा की मूल धरोहर हैं। वे समान नागरिक संहिता एवं अनुच्छेद 370 की समाप्ति, संस्कृत को राजभाषा बनाने की मांग एवं आर्यों के भारतीय मूल का होने का समर्थन करते थे। 

हाल के घटनाक्रम में दलितों की मसीहा कहलाने वाली सुश्री मायावती जी, कांग्रेस व वामपंथी इस बात पर मौन क्योंन हैं कि जब ममता बनर्जी की सांसद ने दलितों को भिखारी तक कह डाला। इससे पता चलता है कि यह दल अभी तक दलितों को वोटरों की गठरी मानकर उपयोग करते रहे हैं। कांग्रेस कभी नहीं  चाहती थी और  न  आज चाहती है कि दलित और पिछड़े विकास की मुख्यधारा में आएं। जबकि नरेन्द्र् मोदी सरकार, दलितों के सम्माजन स्वाभिमान व आत्मन गौरव के लिये अनेकानेक योजनायें लागू कर रहीं हैं। 

सच्चाई यह है कि भाजपा जब भी सत्ता में रही अथवा न भी रही हो  उसने बाबा साहेब को सदैव याद किया। मोदी सरकार में ही दलितों, वंचितों, पिछड़ों और शोषितों को सच्चे अर्थ में आजादी का अर्थ समझ में आया है। 

आज भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की “सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास” के साथ समाज के सभी वर्गों तक विकास की रौशनी पहुंचा रही है। आयुष्मान भारत, स्वच्छ भारत मिशन, उज्ज्वला, उजाला, छात्रवृत्ति में अभूतपूर्व वृद्धि, सौभाग्य योजना के माध्यम से जिस प्रकार समाज के अंतिम व्यक्ति को बुनियादी सुविधायें दी जा रहीं हैं, उससे साफ़ है कि भाजपा सरकार ने ही बाबा साहेब के सपने को साकार किया है। मोदी सरकार के काम के कारण आज समाज का हर वर्ग आजादी की अनुभूति कर रहा है। सामाजिक और आर्थिक दृष्टि से अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति के लिए मोदी सरकार लगातार काम कर रही है। यही बाबा साहब अंबेडकर जी का सपना था, जो आज मोदी जी चरितार्थ कर रहे हैं।



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