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कुपिया में किसान पंचायत सम्पन्न, पंचायत में महिलाओं सहित बड़ी संख्या में शामिल हुए किसान

 छतरपुर// 40 साल के सरकारों के कार्यकाल पर गौर करें, तो सरकार किसी भी पार्टी की रही हो, लेकिन सरकारों की नीतियां, किसान, मजदूर व आम-जन विरोधी रही है। चंद उद्योगपतियों के विकास के लिए  देश के करोड़ों किसान, मजदूर और आमजन के शोषण पर आधारित रही है। वर्तमान में भाजपा की मोदी सरकार इन्हीं नीतियों का चरम है। उक्त उदगार छतरपुर में चल रहे किसान आंदोलन के नेतृत्वकर्ता अमित भटनागर ने कुपिया में आयोजित किसान पंचायत के मुख्य अतिथि के रूप में किसानों को सम्बोधित करते हुये व्यक्त किये। साथ ही अमित भटनागर ने शहरों की तरफ पलायन की अपेक्षा गांव में ही लघु व कुटीर उद्योग की बात कही, साथ ही मल्टीनेशनल कंपनियों के उत्पाद की जगह अपने लोकल उत्पाद व स्थानीय लोगों के प्रोत्साहन व रोजगार की बात कही। गैरतलब है कि छतरपुर के मेलाग्राउंड मैदान में केंद्र के कृषि कानून वापस लेने व एमएसपी पर कानून बनाने हेतु अमित भटनागर व दिलीप शर्मा के नेतृत्व में अनिश्चितकालीन धरना चल रहा है। मंगलवार को अनिश्चितकालीन धरना 112 वें दिन भी जारी रहा। बुंदेलखंड के किसान आंदोलन के रूप में पहचान बना रहे इस धरने ने अब गांव की तरफ अपने पैर पसारना शुरू कर दिया हैं। गांव-गांव में किसानों को कृषि बिल के नुकसान समझाने वा किसानों के संगठन को ग्रामीण स्तर पर मजबूती प्रदान करने के मकसद से किसान क्रांति संगठन के बैनर तले ग्रामीण स्तर पर, किसान पंचायत का आयोजन प्रारम्भ हो गया हैं। जिसकी शुरुआत सटई क्षेत्र के आदिवासी बहुल कुपिया गांव से हुई जहां महिलाओं सहित बड़ी संख्या में किसान शामिल हुए। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रकृतिक चिकित्सक डॉ. दिनेश मिश्रा ने की, दिनेश  ने पंचायत में उपस्थित किसानों को सरकार तथा बाजार पर कम से कम आश्रित हो स्वावलंबी बनने की सीख दी। गुड़पारा के भगतराम तिवारी, भैरा के बब्लू कुशवाहा, किशोरी कुशवाहा, जखरौन खुर्द के शंकर सिंह ने भी विशेष अतिथि के रूप में पंचायत को संबोधित किया। किसान पंचायत का संचालन कुपिया गांव के पूर्व सरपंच बहादुर आदिवासी ने किया। कर्यक्रम में बाबू यादव, ओम प्रकाश यादव, मिलन आदिवासी, दुर्जी बाई, रामगोपाल रैकवार, मातादीन आदिवासी, सीताराम जाटव, राजेश आदिवासी सहित बड़ी संख्या में किसान शामिल हुए।

 

बिजावर संवाददाता राहुल कुड़ेरिया



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