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चौवीस रथों द्वारा सात फेरियों के साथ कुण्डलपुर पंचकल्याणक महोत्सव का होगा भव्य समापन

 सोने चांदी चंदन शीशम व सागौन लकड़ी से निर्मित होंगे रथ

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परिक्रमा में आचार्य श्री सहित करीब 256 पिच्छीधारक होंगे सम्मिलित

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रथ परिक्रमा में एक लाख से अधिक श्रद्धालुओं के सम्मिलित होने की संभावना

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(राजेश जैन "रागी" बकस्वाहा द्वारा)

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कुण्डलपुर (दमोह)  / - मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड अंचल के विश्व विख्यात जैन तीर्थ कुण्डलपुर में आयोजित सदी के सबसे बड़े पंचकल्याणक महा महोत्सव के अंतिम दिन मोक्ष कल्याणक महोत्सव के दिवस मध्यान्ह की शुभ बेला में लगभग 1:30 बजे से रथ फेरी निकाली जावेगी ।

         पंचकल्याणक महोत्सव पाण्डाल स्थित वेदिका पर विराजित लगभग दो हजार प्रतिष्ठित जिनबिम्बों की (पांडाल की) 7 प्रदिक्षणा 24 रथों के माध्यम से लगाई जाएगी । इन आकर्षक विशाल रथों को देश के विभिन्न स्थलों से मंगाया गया है , इनमें स्वर्ण रथ से लेकर रजत , चंदन , शीशम से लेकर सागौन की लकड़ी तक के रथ शामिल है। अहमदाबाद के दिलीप पंड्या ने कुण्डलपुर रथ भेज दिया है, इसी तरह भोपाल से हिमांशु प्रमोद ने भी चांदी का रथ भेजा है । परिक्रमा में एक ऐरावत हाथी शामिल किया जाएगा जो परिक्रमा में आगे आगे चलेगा , गजरथ के बीच प्रतीकात्मक गजरथ भी फेरी मे शामिल होगा , परिक्रमा में 24 रथ एक साथ चलेंगे । 

         प्रदिक्षणा मे अध्यात्म जगत के परम सूर्य पूज्य आचार्य भगवन चतुर्विध संघ सहित उपस्थित रहेंगे । युग शिरोमणि पूज्य आचार्य श्री जी के पीछे सभी निर्यापक श्रमण , मुनिराज संघ , आर्यिका संघ , ऐलक संघ ,छुल्लक संघ सहित 256 पिच्छी , व्रति भैया व बहिनें,  ब्रह्मचारी भैया , ब्रह्मचारिणी बहने , महोत्सव के मुख्य पात्र , इंद्र इंद्राणी , श्रावक श्राविकाएं एवं बीआईपीव अन्य सामाजिक बंधु श्रद्धालु चलेंगे । सारे परिक्रमा पथ के बाहर वेरीकेटस् लगाकर नियंत्रित किया जावेगा । उपस्थित लाखों श्रद्धालु बेरिकेटिंग के बाहर से संपूर्ण मनभावन दृश्यों के दर्शन एवं अवलोकन कर सकेंगे , परिक्रमा में करीब एक लाख से अधिक श्रद्धालुओं के एकत्रित होने का अनुमान लगाया जा रहा है ।

      एक निर्धारित क्रम में चलने वाले 24 रथों के आगे आगे देश के विभिन्न क्षेत्रों से अपनी समर्पित सेवाएं देने पधारे हुए दस दिव्यघोष सारे धर्म प्रभावक वातावरण से गुंजायमान करेंगे , पांच लहराते हुए जैन ध्वज जैन धर्म की यशोगाथा को वायुमंडल में प्रवाहित करेगें ।

     वर्षों से इन पलों के साक्षी बनने की आस लगाए बड़ी संख्या में देश विदेश  से श्रद्धालुओं का पूर्व से ही आने का क्रम शुरू हो चुका है । कोई भी अतिरिक्त ट्रेन की व्यवस्था रेल विभाग द्वारा ना किए जाने से सारा दारोमदार चारों दिशाओं से आने वाली सड़क मार्ग पर है । शासन प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है , वहीं आयोजन समिति ने भी सारी व्यवस्थाएं चाक-चौबंद की हुई हैं ।








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