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गजरथ फेरी के साथ हुआ ऐतिहासिक पंचकल्याणक महामहोत्सव का भव्य समापन

 कुण्डलपुर (दमोह) / - विश्वविख्यात जैन तीर्थ कुण्डलपुर मे गजरथ एवंं  स्वर्ण, रजत एवं चंदन शीशम सागौन लकडी आदि से निर्मित चौवीस रथों के साथ बुधवार को पंचकल्याणक महोत्सव का भव्य समापन हुआ । दुनिया के सबसे बड़े जैन मंदिर के इस कार्यक्रम में दुनिया के हजारों लाखों लोगों ने अपनी सहभागिता दर्ज कर पुण्यार्जन किया।

गजरथ फेरी के जुलूस में सबसे आगे धर्म ध्वज लेकर आगे श्रावक चल रहे थे, उसके पीछे विशिष्ट जन सिर पर पगड़ी लगाए झंडे लेकर चल रहे थे ,बैंड दल गणवेश में धार्मिक धुनों को बजाते हुए अनुपम छटा बिखेर रहे थे ,दिव्यघोष के बाद गजारुड होकर धर्म ध्वजा वाहक केसरिया वस्त्र पहनकर धर्म की पताका को लहरा रहे थे ,अगली कतार में आचार्य श्री विद्यासागर महाराज गुरुदेव चल रहे थे , उनके पीछे आचार्यश्री संघ और आर्यिका संघ ,ब्रह्मचारी भैया व दीदी चल रहे थे । गजरथ पथ पर जैसे जैसे आचार्य श्री चतुर्भुज परिक्रमा पथ पर बढ़तरहे थे वैसे वैसे नमोस्तु नमोस्तु के स्वर गुंजायमान हो रही थे। अंतिम क्रम में 24 रथ चल रहे थे प्रत्येक रथ में एक एक श्रीजी भगवान थे, इंद्र चंवर ढुला रहे थे  कुबेर द्वारा वर्षाए हुए रत्नों को सभी धर्म श्रद्धालुओं जन अपनी अपनी झोली में समेटने का प्रयास कर रहे थे, गजरथ का नेतृत्व सीताकली नामक हथनी कर रही थी ।

    कुण्डलपुर के बड़े बाबा के बड़े जिनालय का बड़ा  पंचकल्याणक  महोत्सव आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज  के पावन सानिध्य में चतुर्विध संघ के साथ 23 फरवरी को गजरथ फेरी के साथ संपन्न हुआ । गजरथ फेरी दोपहर 1:00 बजे से मुख्य पंडाल के सामने से प्रारंभ हुई । पहली बार इतना बड़ा संघ एक साथ कुंडलपुर में एकत्रित हुआ है ,वर्तमान में संघ में 284 पिच्छीधारी इस पंचकल्याणक में उपस्थित रहे ।

       परमपूज्य आचार्य श्री के मंगल सानिध्य में यह 68वां पंचकल्याणक गजरथ महोत्सव है ,अब तक जितने भी पंचकल्याणक गजरथ महोत्सव हुए हैं उसमें यह गजरथ फेरी सबसे बड़ी है, पंचकल्याणक में कुल 6733 जिन प्रतिमाएं प्रतिष्ठित हुई है उनमें भारत के अलावा जापान ,सिंगापुर ,अमेरिका , इंग्लैंड आदि स्थानों से भी प्रतिमाएं प्रतिष्ठित होने के लिए कुण्डलपुर पहुंची थी , पाषाण से भगवान बनने की यह क्रिया पहली बार 12 दिन तक चली ।

      आचार्य विद्यासागर जी महाराज ने जब से कार्यक्रम की तिथि घोषित करने के लिए कमेटी को आशीर्वाद दिया था तो लोगों को भरोसा नहीं था कि इतनी जल्दी कैसे तैयारी होगी , गुरुदेव ने मंच से कहा था चिंता मत करो बड़े बाबा का दरबार है और उनके आशीर्वाद से यह कार्यक्रम अच्छे तरीके से सानंद संपन्न होगा और यह बात भी अक्षरश: सच निकली , कोरोना व अन्य कोई बाधा इतने बड़े पंचकल्याणक महोत्सव में नहीं आई । इस  कार्यक्रम में लगभग पांच लाख से अधिक लोगों ने कुंडलपुर पहुंचकर भाग लिया । 

    इस महा महोत्सव में मध्यप्रदेश शासन के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान , लोकसभा अध्यक्ष ओम बिडला ,केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ,प्रहलाद पटेल , ज्योतिरादित्य सिंधिया , पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ , मंत्री गोपाल भार्गव ,ओमप्रकाश सकलेचा ,गोविंद सिंह राजपूत सहित अनेक जनप्रतिनिधि गणमान्य लोग कुंडलपुर पहुंचकर बड़े बाबा के दर्शन किए और छोटे बाबा का आशीर्वाद प्राप्त किया और गजरथ महोत्सव में हिस्सा लिया ।

     हर 9 वर्ष में होगा महामस्तकाभिषेक

   आज कुंडलपुर में हुई घोषणा के अनुसार हर 9 वर्ष में कुंडलपुर के बड़े बाबा का भव्य महा मस्तकाभिषेक का कार्यक्रम होगा साथी पंचकल्याणक कि आज समापन के उपरांत कल गुरुवार से आचार्य श्री शासन के सानिध्य में महामस्कअभिषेका कार्यक्रम प्रारंभ होगा । (राजेश जैन रागी बकस्वाहा)






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